
पत्रिका न्यूज नेटवर्क/कोटपूतली। यहां रोडवेज आगार में पहली बार अनुबंध पर रोडवेज की 4 नई सेमी डीलक्स बसें उपलब्ध हुई है। इन बसों में टू बाई टू सीट की व्यवस्था है। आधुनिक सविधाओं युक्त इन बसों में पुश बैक सीट, पर्दे व हर सीट पर पंखें व मोबाइल चार्जर की सुविधा है।
इन बसों का अधिकतम लाभ देने वाले जयपुर दिल्ली व दिल्ली खाटूश्यामजी मार्ग पर संचालन किया जाएगा। सेमी डीलक्स बसों के संचालन से आगार का यात्री भार बढ़ने के अलावा आय में भी बढ़ोतरी होगी। इस आगार में पिछले तीन साल के बाद पिछले माह जुलाई में अनुबंध के आधार पर रोडवेज आगार को 15 नई बसें उपलब्ध हुई थी। इससे पहले आगार में नई बसें नहीं आने व पुरानी बसों के नाकारा होने से आगार की आय व यात्री गिरावट आ रही थी। अनुबंध की 15 नई बसों के आने से पहले आगार में अब खुद की केवल 40 बसें रह गई है। इनमें से 15 बसों के अलावा बाकी बसें कण्डम है। इसके बाद भी विभिन्न मार्गों पर दौड़ लगा रही है। नई बसों के आने के बाद विभाग लोकल रूटों पर पुरानी बसों का जैसे-तैसे संचालन कर रहा है। इनमें से कई बीच रास्ते में ब्रेकडाउन हो जाती है। पुरानी बस निर्धारित 1 लीटर में साढ़े 5 किलोमीटर का औसत नहीं दे रही है। नई बस आने से आगार की खुद की 40 बसों के अलावा अनुबंध की 25 बस और 4 सेमी डीलक्स बस हो गई।
जाम से डीजल औसत प्रभावित: प्रबंधक संचालन बलवंत सैनी ने बताया कि जयपुर दिल्ली राजमार्ग पर बारिश से सड़क क्षतिग्रस्त होने के अलावा कई स्थानों पर फ्लाईओवर के निर्माण के चलते जाम लग रहा है। इससे डीजल औसत प्रभावित हो रहा है। जयपुर मार्ग पर पूतली के अलावा शाहपुरा में और दिल्ली मार्ग बहरोड़ में देहमी, हरियाणा में बावल व धारूहेड़ा में फ्लाईओवर निर्माण चल रहा है। इससे राजमार्ग पर संचालित नई बसों का डीजल औसत प्रभावित हो रहा है। जाम से नई बसों का डीजल प्रति लीटर 5.5 किलोमीटर के स्थान पर 5 किलोमीटर से भी कम आ रहा है।
सेमी डीलक्स में साधारण बसों की तुलना में सीटों की संख्या कम होती है। बस आने से यात्रियों का सफर आसान होगा और बेहतर सुविधाएं सुलभ होगी। नई बसें मिलने से कण्डम बसों को रोडवेज केन्द्रीय कार्यशाला अजमेर भेजा जा सकता है। वर्ष 2020 के बाद आगार में एक भी नई बस नहीं आई थी।
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कब-कब आई नई बसें
-2012 में 08 नई बसें आई।
-2013 में 09 नई बसें आई।
-2014 में 02 नई बसें आई।
-2020 में 13 नई बसें आई।
-2023 में 15 नई बसें आई।
समय और किलोमीटर निर्धारित: बसों का 10 लाख किलोमीटर तक का संचालन और 10 साल का समय तय है। इस शर्त को डिपो की 25 बसें पूरी कर चुकी है। इसके बाद भी डिपो प्रशासन इनकी मरम्मत कर संचालन कर रहा है। कण्डम बसों की अंदर से हालत खराब है। इनमें से कई बसों में बारिश के समय पानी टपकता है।
आगार की आय में हुई बढ़ोतरी: रक्षाबंधन पर्व पर सरकार की ओर से महिलाओं व बालिकाओं को रोडवेज की बसों में नि:शुल्क यात्रा की छूट से रोडवेज के स्थानीय आगार की बसों में यात्री भार 100 प्रतिशत से अधिक रहा है। इस पर्व पर 28 से 30 अगस्त तक प्रतिदिन आगार की आय 10 लाख से अधिक रही जो सामान्य दिनों में करीब 8 लाख रहती है। रक्षाबंधन के चलते प्रतिदिन 20 हजार से अधिक यात्रियों ने आगार की बसों में सफर किया।
इनका कहना है...कोटपूतली आगार को अनुबंध की 4 नई सेमी डीलक्स बसें उपलब्ध हुई है। इनका जयपुर दिल्ली व दिल्ली खाटूश्याम मार्ग पर संचालन किया जाएगा। नई बस आने से यात्री भार के साथ आय में बढ़ोतरी होगी। बसों में यात्रियों के बेहतर सुविधाएं मिलने से सफर आसान होगा।—मंजू कुमारी, मुख्य प्रबंधक रोडवेज आगार कोटपूतली
Published on:
01 Sept 2023 12:26 pm
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