गहलोत ने कहा कि देश में आम चुनाव ईवीएम से न होकर बैलेट पेपर से होने चाहिए। ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है, ऐसे में पूर्ण पारदर्शिता के लिए चुनाव बैलेट पेपर से ही होने चाहिए। विश्व के कई विकसित मुल्कों ने पहले ईवीएम को अपनाया और बाद उन्हें वापस बैलेट पेपर को अपनाना पड़ा। हालांकि बैलेट पेपर से चुनाव प्रक्रिया में समय ज्यादा लगता है, खर्चा भी होता है लेकिन लोकतंत्र में पारदर्शिता के लिए चुनाव बैलेट पेपर से ही होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। कार्यकर्ता से लेकर आम जनता तक उन्हें खूब समर्थन मिला है। ऐसे में चुनाव आयोग की बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों का विश्वास बरकरार रख सके, ताकि लोगों को चुनाव आयोग पर कोई संदेह न हो।
राजस्थान में चिकित्सकों की हड़ताल पर गहलोत ने कहा कि समय पर अगर सरकार सभी पक्षों को सुनकर फैसला करती तो शायद ही हड़ताल की नौबत आती। विभिन्न जिम्मेदारियों को लेकर उन्होंने कहा कि भले केंद्र में काम मिले या राज्य में, वे हमेशा आलाकमान के निर्देशों की पालना करते हैं।