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जयपुर में तीन दिन से तनाव , एेसा क्या हुआ कि सब हाे गए एक

House collapses due to rain : जयपुर तीन दिन से दो समुदाय में तनाव , एक हादसे ने ला दिया सबकों नजदीक

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जयपुर

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RAJESH MEENA

Aug 14, 2019

makan

जयपुर तीन दिन से दो समुदाय में तनाव , एक हादसे ने ला दिया सबकों नजदीक


जयपुर। शहर में तीन दिन से माहौल बिगड़ा ( communal tension )हुआ है। पहले चार दरवाजा, फिर गलतागेट और बीती रात गंगापोल में दो समुदाय में पथराव व तोडफ़ोड़ का मामला सामने आया है। लेकिन एक हादसे में जयपुर के बिगड़े माहौल के बीच सामाजिक सौहार्द का माहौल देखने में आया। लोग जात-पात व धर्म भूल कर मदद को दौड़ पड़े। हादसा रामगंज थाना (ramganj news ) इलाके में हीदा की मोरी में देखने में आया जहां पर बारिश के चलते एक तीन मंजिला मकान( House collapses ) गिर गया। हादसे में मकान ( house )में रह रही चार महिलाएं दब गए। धमाके की आवाज सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और सिविल डिफेंस ( civil defence )व पुलिस की मदद से मलबे को हटाकर महिलाओं को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। हादसे में चालीस वर्षीय बबली पत्नी गोपी चंद की मौत हो गई। हादसे में मकान में बंधी एक घोडी व चार कुत्ते भी दब गए।
पुलिस के अनुसार आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे हीदा की मोरी में स्थित एक तीन मंजिला मकान ( house collapses ) गिर गया। इस मकान में छह भाईयों का परिवार रह रहा था। घटना के दौरान मकान में एक दर्जन लोग मौजूद थे। मलबे में दबने से चार महिलाएं घायल हो गई। सूचना पर सिविल डिफेंस, नगर निगम ( jaipur nagar nigam )व पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। यह मकान कई सालों पुराना बताया जा रहा है। बारिश से मकान में सीलन आई हुई थी। हादसे में मकान की दो मंजिल की दीवार गिर गई। यह मकान रामलाल व श्यामलाल सहित उसके अन्य भाईयों का है। तीन मंजिला भवन के अलग-अलग हिस्सों में उनका परिवार रहा रहा था सुबह अधिकांश लोग काम को चले गए और बच्चे स्कूल को। घटना के समय कुछ महिलाएं ही घर पर मौजूद थी। चारदीवारी में बड़ी संख्या में पुराने ( old house ) व जर्जर मकान बने हुए है। इन मकानों को हटाने के लिए नगर निगम ने चिन्हित किया था लेकिन कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति कर दी गई। शहर में करीब सवा सौ से अधिक मकान एेसे है जो कि जर्जर है या गिरने की कगार पर है। इन मकानों में परिवार भी रह रहे है तो कुछ खाली पड़े हुए है। नगर निगम की नींद हादसे के बाद कुछ समय के लिए टूटती है और फिर वह कुभकर्णी नींद में सो जाता है।