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राजस्थान सरकार पर कितना कर्ज…? विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच हुई जमकर बहस

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को सरकार पर कर्ज को लेकर जमकर बहस हुई। सत्ता पक्ष ने पिछली सरकार पर 67 सालों के बराबर कर्ज लेने का आरोप लगाया।

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राजस्थान पर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 6 लाख 40 हजार 687 करोड़ रुपए का कर्जा होने का अनुमान है। वित्त मंत्री की जगह जवाब दे रहीं सार्वजनिक निर्माण राज्यमंत्री मंजू बाघमार ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने बेतहाशा कर्ज लिया।

पिछली सरकारों ने 67 सालों में जितना कर्ज लिया, उतना पिछली सरकार ने पांच साल में ही ले लिया। इस प्रश्न पर पक्ष-विपक्ष के बीच बहस भी हुई। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायक रोहित बोहरा को बाहर निकालने की चेतावनी तक दे दी।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने 2018-2024 के बीच कर संग्रहण और पिछले पांच वर्षों में कर्ज को लेकर सवाल किया था। इस पर मंत्री मंजू बाघमार ने कहा कि 2017-18 तक राज्य में कुल ऋण 2 लाख 81 हजार 182 करोड़ तक था, जबकि 2023-24 में कांग्रेस सरकार में दोगुने से भी अधिक बढ़ कर 5 लाख 70 हजार 646 करोड़ रुपए हो गया। बाघमार ने कहा कि 67 सालों में जितना ऋण लिया गया था, उतना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सिर्फ पांच सालों में ले लिया।

पांच सालों में 2 लाख 89 हजार 464 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार चढ़ गया। इसके बाद विधायक संदीप शर्मा पूरक सवाल के लिए खड़े हुए तो कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि भाषण मत दीजिए। संदीप शर्मा ने कहा कि मैं भाषण नहीं दे रहा हूं। मैं सिर्फ बता रहा हूं कि किस तरह से कांग्रेस की सरकार ने 5 सालों में राजस्थान को कर्ज के बोझ तले दबा दिया। इसके बाद सदन में विपक्ष और संदीप शर्मा के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्ष के सदस्यों को चुप कराया।

जोगाराम ने की मांग, जो सदस्य नहीं माने उस पर हो कार्रवाई

पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच बहस हुई तो संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम ने अध्यक्ष से कहा कि इस सदन को चलाना, किस सदस्य को बुलवाना, व्यवस्था रखना, यह आसन का काम है। कोई जबरदस्ती बीच में ही शुरू जाए तो उनको टोका जाए। टोकने के बाद भी नहीं माने तो नामित किया जााए, नामित के बाद भी नहीं माने तो फिर दूसरी व्यवस्था की जाए।

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