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जयपुर

राजस्थान में तबादलों को लेकर फंसी सरकार, ऐसा नियम बना दिया कि 45 अधिकारियों का ही हो पाएगा ट्रांसफर

तबादला सूची की सुगबुगाहट के बीच फंसा बड़ा पेच, हाल ही विधानसभा में बताए थे तबादले के नियम, सरकार जवाब पर कायम तो नहीं बदले जाएंगे 45 से अधिक आइएएस

जयपुरSep 04, 2019 / 07:18 pm

pushpendra shekhawat

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राजस्थान में तबादलों को लेकर फंसी सरकार, ऐसा नियम बना दिया कि 45 अधिकारियों का ही हो पाएगा ट्रांसफर

पंकज चतुर्वेदी / जयपुर। Rajasthan में आइएएस ( IAS ) अधिकारियों की तबादला ( Transfer ) सूचियों को लेकर चर्चा जोरों पर है, लेकिन इसको लेकर बड़ा पेच सामने आ गया है। राज्य सरकार ( Rajasthan Government ) विधानसभा ( Rajasthan Assembly ) में दिए जवाब पर कायम रहती है तो सूची में करीब 45 अधिकारियों के ही तबादले हो सकेंगे। भाजपा विधायक जगसीराम के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा है कि आइएएस, आइपीएस ( IPS ) और आइएफएस ( IFS ) अधिकारियों के संवर्ग में किसी पद पर तैनात अधिकारी का कार्यकाल पदोन्नति, सेवानिवृत्ति, राज्य के बाहर प्रतिनियुक्ति और दो माह से अधिक प्रशिक्षण को छोड़कर कम से कम दो वर्ष का होगा। इसके लिए सरकार ने केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय की 2014 में जारी अधिसूचनाओं का हवाला दिया है। मौजूदा हालात में अक्टूबर तक भी कोई सूची आती है तो महज 40 से 45 अधिकारी ही इस नियम के दायरे में आते हैं।
श्रेणीवार समझें कौन हैं इस दायरे में
दो साल से पद पर: सिर्फ 9 ही आइएएस अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें अपने हालिया पद पर काम करते हुए दो साल हुए हैं या अक्टूबर तक दो साल पूरे हो जाएंगे। इनमें अशोक सिंघवी ( Ashok Singhvi ), संजय दीक्षित, अभय कुमार, मंजू राजपाल, देवाशीष पृष्टि, मोडूदान देथा, कैलाश बैरवा, यूडी खान और कानाराम शामिल हैं।
हाल ही प्रमोट हुए: 10 अधिकारी ऐसे हैं, जो 2018 की चयन सूची के आधार पर हाल ही आरएएएस से आइएएस बने हैं। इनमें 2009 बैच की चित्रा गुप्ता, अंतरसिंह नेहरा, आराधना सक्सेना, घनेन्द्र भान चतुर्वेदी, करण सिंह, परमेश्वर लाल, महावीर प्रसाद वर्मा और विश्राम मीणा एवं 2010 बैच के ओम प्रकाश बुनकर और कन्हैया लाल स्वामी शामिल हैं। सरकार इनको पदोन्नति के लिहाज से नई पोस्टिंग दे सकती है।
प्रशिक्षण पर तैनात: आइएएस के 2015 से 2018 तक बैच वाले 23 अधिकारी ऐसे हैं, जो प्रशिक्षण या अन्य कारणों से आरएएस की कैडर पोस्ट पर एसडीएम या अतिरिक्त कलक्टर के पद पर तैनात हैं। इनको भी आइएएस कैडर पोस्ट देने के लिए सरकार इधर-उधर कर सकती है। इसके अलावा प्रतिनियुक्ति या प्रशिक्षण के पैमाने पर तीन-चार अधिकारी ही तबादलों के दायरे में आते हैं।

आइपीएस: यहां भी सिर्फ पांच दायरे में

आइपीएस काडर बात करें तो प्रदेश में 178 अधिकारी कार्यरत हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ पांच ही अधिकारी ऐसे हैं, जो अपने पद पर दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके। इनमें ए.पोन्नूचामी, सुश्मित विश्वास, राहुल काॢतकेय, भंवर सिंह नाथावत और शरद चौधरी शामिल हैं।
आरएएस के लिए नहीं कोई नियम

सरकार ने विधानसभा में सवाल के जवाब में यह भी स्वीकार किया है कि प्रदेश स्तर की सबसे बड़ी प्रशासनिक और पुलिस सेवा, आरएएस और आरपीएस के अधिकारी के तबादलों के लिए कोई नियम कायदे विद्यमान ही नहीं हैं। इन अधिकारियों के तबादलों से योजनाएं प्रभावित होने के सवाल पर सरकार ने कहा है कि यह तबादले अधिकारी की कार्य कुशलता, विशिष्ट कौशल और प्रशासनिक कुशलता बनाए रखने के लिए नीति निर्णय के तहत किए गए हैं।
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