रात के समय एस्कोर्ट कर लाया जा रहा पीला सोना
दरअसल, हाल ही में जयपुर के नेशनल हाइवे नम्बर 12 पर चाकूस के पास रात के समय गाड़ियों का काफिला देख पुलिस भौचक्की रह गई। नेशनल हाइवे पर आगे पीछे एक दर्जन से ज्यादा लग्जरी वाहन और बीच में बजरी से भरी ट्रेलर, डंपर और ट्रैक्टर। सूचना पुख्ता हुई तो चाकसू पुलिस ने काफिले को रुकवा लिया। बजरी से भरे इन बड़े वाहनों को आगे-पीछे और बीच से सात बोलेरो, एक फोरच्यूनर और एक कार एस्कोर्ट करते हुए चल रही थी।
राज्य सरकार तमाम प्रयासों के बावजूद राजस्थान में अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसे में हर साल अवैध खनन के मामलों में बढ़ोतरी होती जा रही है। पूरे 4 साल के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में अवैध खनन के करीब 1 हज़ार मामले बढ़े हैं। बजरी पर बार-बार रोक और आसमान छूती कीमतों के चलते अवैध खनन सबसे ज्यादा बढ़ा है। प्रदेश में बजरी, चुनाई पत्थर, क्वाटर्स फेल्सपाल और जिप्सम का भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है।
2013-14 में 2953
2014-15 में 2945
2015-16 में 3661
2016-17 में 3945 मंत्रालय की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
खनन मंत्रालय की ओर से जारी देश के 12 खनिज संपदा संपन्न राज्य की जारी रिपोर्ट में खुलासा किया है। 2013-14 से 2016-17 के बीच राजस्थान में 34 फीसदी की वृद्धि के साथ 13 हज़ार 504 मुकदमे दर्ज हुए। बजरी का अवैध खनन सबसे ज्यादा टोंक और सवाईमाधोपुर जिले में हो रहा है। माफियाओं ने बनास नदी के दोनों किनारों पर खेरपुरा, सोपुरा, कुड़ी, श्रीपुरा, नाहरगढ़, आकोला, गेता पारोली, खटवाड़ा क्षेत्र में बजरी माफियाओं ने बजरी के स्टॉक लगा रखे हैं। सरकारी जमीन पर स्टॉक लगा दिए लेकिन कार्रवाई नहीं हो पा रही है। पुलिस भी महले के डर से इन ठिकानो तक पहुंचने से कतरा रही है।