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डिकोय घटने का असर, राजस्थान में दो अंक घटा लिंगानुपात

पांच वर्ष में हुए 27 डिकोय ऑपरेशन, उससे पिछले पांच वर्ष में हुए थे 150 - गत दस वर्ष के पहले पांच वर्ष में 924 से बढ़कर पहुंचा 948- दूसरे पांच वर्ष में 948 से घटकर रह गया 946- भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफोरमेशन सिस्टम की वार्षिक रिपोर्ट

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जयपुर

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VIKAS JAIN

Nov 21, 2023

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प्रदेश में बीते एक दशक के दौरान तेजी से घटा लिंगानुपात एक बार फिर उतार की ओर है। वर्ष 2014 में राज्य में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं का अनुपात 924 था। जो वर्ष 2018-19 तक 24 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ 948 पहुंच गया। लेकिन इसके बाद एक बार फिर यह उतार पर है। बीते पांच वर्ष में यह अनुपात घटत के साथ 2022-23 में 946 रह गया है। इस दौरान दो वर्ष से अधिक समय कोविड काल में बीता। वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की डिकोय ऑपरेशन में रूचि भी घट गई। ये दोनों ही इसके बड़े कारण माने जा रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013-14 में देश का लिंगानुपात 918 था, जो 2018-19 में 932 पहुंचा। अब 2022-23 में मामलूी बढ़त के साथ 233 है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हैल्थ मैनेजमेंट इनफोरमेशन सिस्टम की वार्षिक रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए हैं।

सख्ती से आई थी कमी

प्रदेश में पीसीपीएनडीटी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन थाना खुलने के बाद वर्ष 2013 से 2018 के बीच अवैध भ्रूण परीक्षण के खिलाफ सघन अभियान चलाया गया। उस दौरान 150 से अधिक डिकोय ऑपरेशन किए गए। पकड़े गए लोग जेल गए। लेकिन इसके बाद पांच वर्ष में मात्र 27 डिकोय ऑपरेशन ही संचालित हो पाए।

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2013-14
भारत 918
राजस्थान 924

2014-15
918
929

2015-16
923
929

2016-17
926
938

2017-18
929
045

2018-2019
932
948

2019-2020
935
948

2020-2021
937
946

2021-2022
934
946

2022-2023
933
946