जयपुर

पूरा इलाज कराने से ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह खत्म करना संभव

आमतौर पर मरीजों को यह डर रहता है कि कैंसर की सर्जरी कराने के बाद उनके प्रभावित अंग का आकार बिगड़ जाएगा, लेकिन ब्रेस्ट में कैंसर टयूमर छोटा हो तो ब्रेस्ट कंजर्वेशन सर्जरी की जा सकती है, जिसमें सिर्फ गांठ और आस-पास का प्रभावित हिस्सा निकाल दिया जाता है। वहीं ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी भी होने लगी है, जिसमें गांठ निकालने के बाद जो डिफेक्ट बन जाता है, उसे टिश्यू को री-अरेंज करके दोबारा सामान्य बना दिया जाता है।

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Feb 23, 2023
पूरा इलाज कराने से ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह खत्म करना संभव

जयपुर. महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर ब्रेस्ट में होता है। हालांकि यह पहले जितना घातक नहीं रहा और चिकित्सा विज्ञान में नई तकनीकों के कारण इसका इलाज काफी आसान हो गया है। एक जागरूकता कार्यक्रम में रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल के डॉ. अनुकृति सूद ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) डायग्नोज होने पर उसका सर्जिकल थैरेपी, कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी व एंडोक्राइन थैरेपी से इलाज होता है। कई मरीज सिर्फ सर्जरी कराने के बाद पूरा इलाज नहीं लेते, जिसके कारण कैंसर का पूरा खात्मा नहीं हो पाता है और कैंसर के वापस आने का डर रहता है।

डॉ. सूद ने बताया कि आमतौर पर मरीजों को यह डर रहता है कि कैंसर की सर्जरी कराने के बाद उनके प्रभावित अंग का आकार बिगड़ जाएगा, लेकिन ब्रेस्ट में कैंसर टयूमर छोटा हो तो ब्रेस्ट कंजर्वेशन सर्जरी की जा सकती है, जिसमें सिर्फ गांठ और आस-पास का प्रभावित हिस्सा निकाल दिया जाता है। वहीं ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टिक सर्जरी भी होने लगी है, जिसमें गांठ निकालने के बाद जो डिफेक्ट बन जाता है, उसे टिश्यू को री-अरेंज करके दोबारा सामान्य बना दिया जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
स्तन में गांठ होना, स्तन के आकर में परिवर्तन आना, निप्पल से खून आना एवं स्तन की चमड़ी या निप्पल का अंदर की तरफ धंस जाना। आम तौर पर स्तन कैंसर में दर्द नहीं होता है तो महिलाओं को किसी भी गांठ के होने पर तुरंत बे्रस्ट स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिए, दर्द न होने पर उसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

Published on:
23 Feb 2023 12:55 am
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