28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Jaipur गोविंददेवजी का ज्येष्ठाभिषेक

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गुरुवार को शहर के मंदिरों में ठाकुरजी को जलविहार कराया गया। मंदिरों में जलविहार की झांकी सजाई गई। लोगों ने दानपुण्य भी किया। गोविंददेवजी मंदिर (Govinddev Temple Jaipur) सहित अन्य मंदिरों में विशेष झांकी सजाई गई। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर जलयात्रा झांकी सजाई गई।

less than 1 minute read
Google source verification
Jaipur गोविंददेवजी का ज्येष्ठाभिषेक

Jaipur गोविंददेवजी का ज्येष्ठाभिषेक

गोविंददेवजी ने किया ज्येष्ठाभिषेक
- शहर के अन्य मंदिरों में भी सजी जलविहार झांकी
- ठाकुरजी को धारण करवाई झीनी पोशाक, लगाया ऋतु फलों का भोग

जयपुर। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गुरुवार को शहर के मंदिरों में ठाकुरजी को जलविहार कराया गया। मंदिरों में जलविहार की झांकी सजाई गई। लोगों ने दानपुण्य भी किया। गोविंददेवजी मंदिर (Govinddev Temple Jaipur) सहित अन्य मंदिरों में विशेष झांकी सजाई गई।

शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर जलयात्रा झांकी सजाई गई। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर का ज्येष्ठाभिषेक किया गया। ठाकुरजी को नौका में विराजमान कर जलयात्रा कराई गई। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरश्रीजी को सफेद धोती दुपट्टा धारण करवाई गई। फूलों का विशेष श्रृंगार किया कर जलयात्रा झांकी सजाई गई। इसके बाद 15 प्रकार के फलों का भोग, पूड़ी, हलवा, मीठे सकरपारे, सिकरन, ठंडाई, पांच दाल भिजोना भोग अर्पण किया गया। उसके बाद ठाकुर श्रीराधा गोविंददेवजी का जुगल में पंचामृत अभिषेक किया गया। अभिषेक में मंदिर वेदपाठियों की ओर से पाठ किए गए। इसके बाद आरती की गई। ठाकुरजी और राधा रानीजी के हाथ में सोने की पिचकारी धारण कराई गई। गुलाब जल और केवड़ा जल मिश्रित जल से ठाकुर श्रीजी को जलविहार कराया गया। भक्तों ने आॅनलाइन दर्शन किए।

रामगंज बाजार के लाड़लीजी मंदिर में जलविहार की झांकी सजाई गई। ठाकुरजी को फालसे, लीची, जामुन, आमरस के साथ रबड़ी, श्रीखंड, मिश्रीमावा का भोग लगाया गया। इस दौरान 'सोन जूही की बनी पगिया..., फूलन की चंद्रकला शीश फूल फूलन के..., जलविहार सबयो मन भायो.. जैसे पदगायन किए गए। वहीं पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथजी मंदिर, चांदनी चौक स्थित मन्दिरश्री आनंदकृष्ण बिहारीजी के अलावा पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में भी जलविहार झांकी सजाई गई।