
कई नेताओं के टूटे अरमान, कई नेताओं की खुली किस्मत
जयपुर।
कांग्रेस सरकार ने पहले महापौर के चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से कराने का फैसला किया था। लेकिन अपने ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी और जनता के रुख को देखते हुए सरकार ने अप्रत्यक्ष तरीके से चुनाव कराने का फैसला किया। इसके चलते भाजपा और कांग्रेस के कई नेता बिना चुनाव लड़े ही दौड़ से बाहर हो गए। मगर कांग्रेस ने नया दांव खेला और पूरे देश में पहली बार हाइब्रिड महापौर यानि बिना चुनाव लड़े महापौर बनाने का फैसला किया गया। जो नेता नेताजी पार्षद का चुनाव हार जाएगा। वह भी चुनाव लड़ सकेगा। इस फैसले के बाद निराश नेताओं की आशा फिर जगी और सभी की निगाहें महापौर आरक्षण की लॉटरी पर टिक गई।
दोनों पार्टियों के लिए भी दुविधा
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दोनों ही पार्टियों में ओबीसी महिला नेताओं का टोटा सा है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों को महापौर पद के लिए महिला नेत्री को ढूंढऩे में खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। हालांकि बिना चुनाव लड़े सीधे महापौर बनाने के फैसले के बाद दोनों पार्टियां किसी बाहरी नेता को भी इस पद के लिए ला सकती है।
भाजपा में ये नेता लगे थे कतार में
पूर्व महापौर और शहर भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल गुप्ता
पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक
पूर्व महापौर और विधायक अशोक लाहोटी
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी
डॉ. एस.एस. अग्रवाल
पूर्व शहर अध्यक्ष संजय जैन
पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा
उप महापौर मनोज भारद्वाज
कांग्रेस में ये नेता लगे थे कतार में
मुख्य सचेतक महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी
कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा
पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल
महापौर विष्णु लाटा
पूर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा के पुत्र आशुतोष शर्मा
Published on:
20 Oct 2019 09:27 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
