
ढाबे पर आराम के लिए रूका , सोता ही रह गया
जयपुर. इस वर्ष शहर में क्राइम स्पॉट पर पहुंचने वाले राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के वैज्ञानिक भी आत्महत्या के मामलों को देखकर चौंक गए। 1 जनवरी 2023 से 23 मई 2023 तक वैज्ञानिक शहर में 111 क्राइम स्पॉट पर पहुंचे, जिनमें 85 मामले आत्महत्या के थे। वैज्ञानिकों की माने तो आत्महत्या करने वालों में 90 फीसदी से अधिक युवा थे। 30 फीसदी मामलों में आत्महत्या करने वालों ने सुसाइड नोट में कर्ज, दूसरों से परेशान होकर, आर्थिक तंगी और अन्य कारण बताए, जबकि 70 फीसदी के पास सुसाइड नोट नहीं मिलने से जीवन लीला समाप्त करने का कारण भी उनके साथ दफन हो गया।
मैंने पहली बार देखा इतनी आत्महत्या हो रही
एफएसएल के वैज्ञानिक डॉ. अभयप्रताप सिंह ने कहा कि इतने वर्ष हो गए, लेकिन पहली बार इस वर्ष आत्महत्या के इतने मामले शुरुआत के लगभग 5 माह में ही आ गए। परिजनों को युवाओं के बर्ताव पर नजर रखनी चाहिए। ताकि तनाव में आकर कोई ऐसा कदम उठाए तो उसे रोका जा सका।
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केस 1- पुलिस ने एफआर लगा दी, पंजाब से कई बार आए
जयपुर में पीजी प्रथम वर्ष की रेजिडेंट डॉक्टर साक्षी गुप्ता (27) ने क्वार्टर में आत्महत्या कर ली। पंजाब के फिरोजपुर निवासी डॉक्टर साक्षी ने सुसाइड नोट भी नहीं लिखा था। पिता सुमेश गुप्ता ने कहा कि उनकी बेटी को हॉस्पिटल में प्रताडि़त किया जाता था। पुलिस में मामला दर्ज करवाया, जयपुर के कई चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस ने मामले में एफआर लगा दी और आत्महत्या के कारणों का खुलासा भी नहीं किया गया।
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केस 2- परिजन कुछ नहीं बोले, पुलिस ने कहा पढ़ाई का तनाव
सांगानेर के कल्याण नगर में भाई-बहनों के साथ रह रही रिंकल ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले रिंकल ने भी सुसाइड नोट नहीं लिखा। परिजन ने भी कोई जानकारी नहीं दी। अनुसंधान अधिकारी ने बताया कि रिंकल प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही थी। आशंका है कि पढ़ाई के तनाव के चलते उसने ऐसा कदम उठाया।
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इंगेजमेंट प्रॉपर्टी: तनाव कैसे हो दूर ताकि आत्महत्या जैसा कदम न उठाए कोई... दें सुझाव
Published on:
24 May 2023 09:48 pm
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