
जोगेश लोहार.राजस्थान के आहोर (जालोर) स्थित हरजी स्थित राप्रावि मीणों का वास में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं पोषाहार कार्यक्रम केे तहत भोजन में विद्यालय परिसर में ही उगी विभिन्न तरोताजा सब्जियों का स्वाद लेते हैं। यह अनूठी पहल विद्यालय परिवार व एसएमसी की ओर से की गई है। इसके तहत विद्यालय परिसर में खाली पड़ी जगह पर नाना प्रकार की हरी-भरी सब्जियां उगाई गई है। जिसका स्वाद यहां अध्ययनरत विद्यार्थी ले रहे हैं। दरअसल, विद्यालय परिसर में पड़ी खाली जगह का सदुपयोग करते हुए विद्यालय स्टाफ व एसएमसी सदस्यों ने मिलकर नाना प्रकार की सब्जियों की बगिया का निर्माण किया है। जिसमें मूली, गाजर, धनिया, बीट, मूंगफली, आलू, पालक व टमाटर जैसी नौ सब्जियों को उगाया गया है। पालक का उपयोग हर बुधवार व शुक्रवार को दाल में किया जाता है। वहीं कभी-कभी आटे के साथ भी पालक को गूंथ कर रोटियां बनाई जाती है। बगिया में उगी विभिन्न सब्जियों का पोषाहार में उपयोग किया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों को पोषाहार में शुद्ध व तरोताजा सब्जियां मिलती है। वहीं विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता भी उत्पन्न होती है। बगिया की देखरेख चेलाराम व नारंगी माली करती हैं।
हर स्कूल में हो सकता है यह प्रयोग:
जिले के सरकारी स्कूलों में इस तरह का नवाचार किया जा सकता है। इससे ना केवल पोषाहार के खर्च में कमी आएगी, बल्कि बच्चों को हर रोज तरोताजा हरी व पौष्टिक सब्जियां भी पोषाहार में खाने को मिलेंगी। ऐसे नवाचारों से बच्चों में भी सेहत के प्रति जागरुकता बढ़ेगी। थोड़ी सी जगह में सब्जियों को उगाने में पानी भी काफी कम खर्च होता है। ऐसे में यह नवाचार विद्यालयों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सूखी सब्जियों का झंझट खत्म:
हरजी के इस विद्यालय में ही विभिन्न तरह की हरी सब्जियां उगाने के कारण विद्यालय प्रशासन को सूखी सब्जियां खरीदने के झंझट से भी छुटकारा मिल रहा है। कभी कभार ही सूखी सब्जियां खरीदनी पड़ती है। विद्यालय प्रशासन की ओर से बच्चों की सेहत को लेकर ज्यादातर हरी सब्जियों का ही प्रयोग किया जाता है जो ताजा होने के साथ साथ पौष्टिक भी होती हैं।
इनका कहना...
विद्यालय परिसर में खाली पड़ी जगह पर एक पहल करते हुए विद्यालय स्टाफ व एसएमसी की ओर से विभिन्न सब्जियों की बगिया तैयार की गई है। इन सब्जियों का उपयोग पोषाहार में किया जाता है। विद्यार्थी पोषाहार में विद्यालय में ही उगी तरोताजा सब्जियों का स्वाद लेते हैं।
- पुखराज गहलोत, संस्था प्रधान, राप्रावि मीणों का वास हरजी
Published on:
11 Feb 2023 10:39 am
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