
म्यूचुअल फंड खरीदते वक्त तीन बातों का जरूर रखें ध्यान... नहीं होगा नुकसान
कई लोग म्यूचुअल फंड का चुनाव उसके पिछले प्रदर्शन के आधार पर या फंड मैनेजर या फिर फंड हाउस का नाम देखकर करते हैं। कई तो बस उन फंडों के पीछे लग जाते हैं, जिनका उस समय बाजार में रुझान होता है। आप में से ज्यादातर लोग सोच रहे होंगे कि अगर कोई ऐसा करता है, तो उसमें गलत क्या है। खैर, हर निवेश विशेषज्ञ आपको यही बताएगा कि पास्ट परफॉरमेंस अपना प्रदर्शन दोहरा सकते हैं या नहीं भी दोहरा सकते हैं। खासकर तब जब फंड बदलती बाजार स्थितियों के हिसाब से नहीं चल रहा है।
पुराने जमाने का धीमा और स्थिर फार्मूला हमेशा कारगर
इतिहास में झांके तो पता चलेगा कि हमेशा ऐसे चक्र आते रहते हैं, जब एक्सपर्ट्स या फण्ड हाउस कभी अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं और कभी नहीं भी कर पाते हैं और अगर आप बाजार की गतिविधियों से वाकिफ हैं तो आपको पता होगा कि कई 'थीम' आते और जाते रहते हैं। लंबे समय में पुराने जमाने का धीमा और स्थिर फार्मूला हमेशा कारगर साबित होता है। इसलिए, लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की सफलता काफी हद तक नीचे दिए गए तीन फैक्टर्स द्वारा संचालित होती है, जिन पर निवेशकों को निवेश करने से पहले जरूर ध्यान देना चाहिए।
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1.प्रोसेस फ्रेमवर्क
लम्बे समय में सफलता पाने के लिए एक मजबूत प्रक्रिया को अपनाना सबसे पहली जरूरत होती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि अच्छे निवेशकों को हो। निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड का हाल में किया गया इन्वेस्टर एजुकेशन कैम्पेन सुर्खियों में आ गया है। उसमें यह सवाल पूछा गया है कि एक व्यक्ति की काबिलियत से अधिक मजबूत क्या है? जवाब है उसका काम करने का प्रोसेस। प्रोसेस महत्वपूर्ण है, क्योंकि फंड मैनेजर एक जटिल दुनिया में काम करते हैं जहां सबसे अच्छे दिमाग वाले भी कभी कुछ गलतियां कर सकते हैं। निप्पॉन जैसे फंड हाउस प्रोसेस पर जोर देते हैं, क्योंकि एक आदमी अपने निजी के स्तर पर कुछ चीजों को भूल सकता है या पक्षपाती हो सकता है। लेकिन, अगर फंड हाउस की प्रोसेस उनके काम पर सही निगरानी रखे तो कई सारी चीजें और भी बेहतर हो सकती हैं।
2.मजबूत जोखिम प्रबंधन
दूसरी जांच करने वाली बात यह है कि कोई फंड हाउस कितनी अच्छी तरह जोखिम का प्रबंधन करता है। ज्यादा रिस्क संभावित रूप से ज्यादा रिटर्न से जुड़े होते हैं और कम जोखिम वाले कम रिटर्न से। इसलिए रिस्क मैनेजमेंट की द्रृढ़ता अच्छे फंड हाउस का चुनाव करने के लिए एक महत्वपूर्ण पैरामीटर बन जाता है। जोखिम कई तरह के होते हैं। बाजार में अस्थिरता, क्रेडिट रिस्क और ब्याज दरों और महंगाई से संबंधित जोखिम हो सकते हैं। इन सारी जोखिमो को निप्पॉन व्यक्तिगत सिक्योरिटी लेवल के साथ-साथ पोर्टफोलियो लेवल पर भी बहुत सावधानी से हैंडल करता है। फंड हाउस कठोर प्रक्रियाओं का पालन करने वाली एक विशेष टीम के जरिये मजबूत इवेल्यूएशन सिस्टम से का इस्तेमाल कर क्वालिटी और क्वांटिटी, दोनों स्तरों पर रिस्क और लिक्विडिटी की लगातार निगरानी करता है।
3. सतत प्रयास- स्थिर लाभ की प्राप्ति
तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थिरता से नियमित रिटर्न प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते रहना चाहिए। ये दो कारणों से जरूरी हैं। पहला है स्थिर और प्रक्रिया-संचालित तरीके से निवेश करना। लंबे समय के लिए निवेशको के लिए ज्यादा अच्छा साबित होता है। निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड में सिस्टम और प्रक्रियाएं यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं कि अत्यधिक पूर्वाग्रहों से बचा जाए। उदाहरण के लिए, कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह कितना अच्छा स्टॉक है, पर यह एक निश्चित स्तर से ओवरवेट नहीं होगा। दूसरा उद्देश्य है कि अस्थिर रुझानों या प्रवृत्तियों का पीछा करने से बचना है। इसलिए निप्पॉन ने सूचकांकों से भटकाव के अलावा कंपनी और उद्योग स्तर के एक्सपोजर आदि के लिए कड़े मानदंड निर्धारित किए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बेहतरीन रिटर्न की खोज में वो स्थिरता के वादे से भटक न जाए। म्यूचुअल फंड के विशेषज्ञो का मानना है कि इन 3 सिद्धांतों का पालन करके म्यूचुअल फंड का चुनाव करना लम्बे समय के लिए हितकर होगा।
Published on:
23 Jul 2023 12:10 pm
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