
2024 में विवाह के मुहूर्त
Kharmas 2023: खरमास (16 दिसंबर) की शुरुआत के साथ ही विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। इस चलते राजधानी में बैंड, बाजा और बारात की रौनक नहीं दिखाई देगी। खरमास में पूजन, धार्मिक अनुष्ठान तथा कथा प्रवचन पर रोक नहीं रहेगी। इस कारण इस मास में राजधानी के विभिन्न वार्डों में भागवत व रामकथा के साथ ही अन्य ग्रंथों का वाचन होगा। इन कथाओं के विभिन्न प्रेरक प्रसंगों में भगवान राम और कृष्ण की दी हुई सीख-उपदेश जीवन के कई परेशानियों से निजात दिलाएंगे व सद्कर्मों पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे। उधर, 22 दिसंबर को गीता जयंती के कारण कृष्ण मंदिरों व अन्य स्थानों पर भागवत गीता का वाचन होगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक 14 जनवरी तक खरमास रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि खरमास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश व जनेऊ संस्कार सहित अन्य मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं होता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस अवधि में सूर्यदेव अपने गुरु बृहस्पति की सेवा में रहेंगे। सूर्य की अनुपस्थिति में कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता।
उन्होंने बताया कि खरमास साल में दो बार आता है। अगले वर्ष मई-जून में विवाह के मुहूर्त नहीं रहेंगे। इन दोनों माह में शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण लोगों को विवाह मुहूर्त के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा।
ग्रहजनित दोषों के निवारण के लिए पूजा-पाठ
हिमानी ने बताया कि मलमास में ग्रहजनित दोषों के निवारण के लिए पूजा तथा दान किया जा सकेगा। अशुभ ग्रहों के फल को टालने के लिए उन ग्रहों की कारक वस्तुओं का दान दिया जाना चाहिए। जरूरतमंद रोगियों को दवा का दान एवं भूखों को भोजन से अनंत पुण्य की प्राप्ति होगी।
Published on:
16 Dec 2023 11:18 am
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