डीडवाना का नमक क्षेत्र भले ही विश्व भर में अपनी पहचान रखता है। लेकिन यहां काम करने वाले सैकड़ों नमक श्रमिकों की परेशानी समझने वाला कोई नजर नहीं आता। डीडवाना से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित है नमक क्षेत्र जहां पर सैकड़ों मजदूर काम करते हैं। इन मजदूरों के लिए न तो पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था है और नहीं सुस्ताने के लिए छांव मयस्सर होती है। सभी मजदूरों के पास पेर रक्षक जूते नहीं होने से मजदूर नंगे पांव नमक व नमक के पानी में काम करने को मजबूर हैं। पत्रिका की टीम नमक क्षेत्र में पहुंची और यहां काम कर रहे मजदूरों से बात कर उनकी परेशानियों को जाना। पत्रिका टीम ने देखा नमक क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए कोई सुविधा नहीं है। नमक क्षेत्र में आने के लिए बने तीनों प्रमुख रास्ते सड़क के अभाव में उबड़ खाबड़ हैं। पेयजल की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। चिलचिलाती तेज धूप में काम करने के बाद आराम के समय सुस्ताने के लिए भी छांव मयस्सर नहीं है। ऐसे में मजदूरों ने छांव के लिए नमक क्षेत्र में जगह जगह छप्पर बना रखे हैं। नमक के पानी में नंगे पैर काम कर रहे मजदूरों ने बताया उन्हें पेर रक्षक जूते नहीं मिलने के चलते नमक और नमक के पानी में नंगे पैर काम करना पड़ता है। यहां काम करे रहे बनवारी लाल व जेठाराम सहित श्रमिकों ने बताया कई मजदूर रात्रि में भी यहां काम करते हैं लेकिन बिजली व्यवस्था नहीं होने के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। नावा नमक अधीक्षक से जब बात की गई तो उन्होंने बताया मजदूरों को कार्य करने के दौरान पांव में पहनने के लिए जूते मिले यह काम नमक विभाग नहीं करता, नमक विभाग मजदूरों के हितार्थ शिविर आयोजन सहित अन्य कार्य करता है।