परिजनों ने कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि जूसरी ग्राम पंचायत का सरपंच उन्हें इस कदर प्रताडि़त कर रहा है कि वह शहीद का स्मारक बनाने में भी रोड़ो अटका रहा है। शहीद के भाई व पिता ने कलक्टर से गुहार लगाकर न्याय दिलाने की मांग की।
23 मार्च 2019 को भारतीय सेना में तैनात ग्रेनेडियर हरि भाकर पाकिस्तानी सेना से लोहा लेते शहीद हुए थे। भाकर ने शहीद होने से पहले पाकिस्तान के तीन बंकर उड़ाए थे और तीन पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। शहीद भाकर को मरणोपरांत सेना मेडल से नवाजा गया।
शहीद के पिता ने बताया कि अपनी दो बीघा निजी जमीन पर उन्होंने शहीद स्मारक बनाने का काम शुरू किया और जमीन सरकार को देने के लिए मकराना एसडीएम के यहां आवेदन भी किया। इस बीच गांव के सरपंच ने स्मारक के काम में रोड़े अटकाने शुरू कर दिए।
शहीद के परिजनों ने बताया कि स्मारक बनाने वाली जगह पर निजी खर्चे से ट्यूबवैल खुदवाया, लेकिन इसे लेकर सरपंच ने शिकायत कर दी कि सरकारी ट्यूबवेल का निजी उपयोग कर रहे हैं, जिसकी एसडीएम ने जांच भी की। इस तरह सरपंच ने एक शहीद के परिवार को प्रताडि़त करने का सिलसिला चालू कर दिया। यहीं नहीं कुछ दिन पहले चौराहे पर शहीद के नाम के लगाए बोर्ड को भी उखाड़ दिया गया।
सांसद कोष से स्वीकृत राशि का उपयोग नहीं
शहीद का स्मारक बनाने के लिए नागौर सांसद द्वारा पांच लाख रुपए स्वीकृत किए गए। पहली किश्त के रूप में ग्राम पंचायत को 3.75 लाख रुपए मिल भी गए, लेकिन स्मारक का काम शुरू नहीं किया गया। इसे देखते हुए शहीद के परिवार ने कार्यकारी एजेंसी बदलवाने के लिए नागौर सांसद से गुहार लगाई।
परिजनों ने आरोप लगाया कि सरपंच द्वारा अब यह धमकी दी जा रही है कि वह परिवार के जो दूसरे सदस्य सरकारी नौकरी करते हैं उनका तबादला करवा देगा।
पुलिस और प्रशासनिक दोनों जांच करवाएंगे
शहीद हरिराम भाकर के परिजनों ने सरपंच के खिलाफ प्रताडि़त करने की शिकायत दी है, जिसकी पुलिस एवं प्रशासनिक जांच करवा रहे हैं। सरपंच का मामला होने के कारण एक जांच जिला परिषद सीईओ को दे रहे हैं तथा दूसरी पुलिस अधीक्षक को सौंप रहे हैं। दोषी पाए जाने पर सरपंच के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
– दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर