
पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली. लॉकडाउन के चलते बड़े शहरों से लाखों प्रवासी मजदूरों के पलायन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रोडियो कार्यक्रम ‘मन की बात‘ में इस फैसले के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं, जिनसे गरीबों को परेशानी हुई। सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं।’ वहीं, गृहमंत्रालय ने सत अंदाज में लॉक डाउन लागू करने के लिए राज्यों को जिमेदार बताते हुए प्रवासियों के पलायन को रोकने के लिए सती से सीमाएं सील करने की निर्देश दिया।
मंत्रालय के अनुसार कामगारों का पलायन लॉकडाउन के प्रोटकॉल का उल्लंघन है। ऐसे में केंद्र के निर्देशों को लागू करने के लिए कलक्टर (जिलाधिकारी) और एसपी व्यक्तिगत रूप से जिमेदार हैं। उधर, मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं। मेरी आत्मा कहती है कि आप मुझे जरूर माफ करेंगे। कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं, जिसकी वजह से आपको कठिनाइयां हो रही हैं। गरीब भाई-बहनों को लगता होगा कि कैसा प्रधानमंत्री है, हमें इस मुसीबत में डाल दिया। उनसे भी विशेष रूप से माफी मांगता हूं।’ प्रधानमंत्री बोले, ‘लोग नाराज भी होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। आपकी परेशानियों को समझता हूं, लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था। जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है और इसमें हमें जीतना है, इसलिए ये कठोर कदम उठाने की बहुत आवश्यक थे।’
‘गरीबों को परेशानी हुई, सभी से क्षमा मांगता हूं’
सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं। मैं आप सबकी परेशानी को समझता हूं, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसके सिवाय कोई चारा नहीं था। कोरोना के खिलाफ यह जीवन-मृत्यु की लड़ाई है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
प्रवासियों को वापस भेजती दिखी दिल्ली पुलिस : दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड और उसके आस-पास पुलिस प्रवासी मजदूरों को वापस भेजती नजर आई। शनिवार तक दिल्ली पुलिस इन लोगों को इस ओर जाने दे रही थी।
प्रवासियों को 14 दिन रहना होगा क्वॉरंटाइन
आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिए कि प्रवासियों के गृहजनपद पहुंचने पर सभी की जांच के बाद 14 दिनों के क्वारंटाइन में भेजा जाएगा। मतलब यह घर पहुंचने वाले सभी प्रवासियों को पहले क्वारंटाइन रहना होगा। ऐसे में यदि उनमें लक्षण पाए जाते हैं तो उनकी कोरोना जांच होगी। गृह मंत्रालय ने अन्य निर्देश भी दिए हैं...
प्रवासी कामगारों के लिए आश्रय स्थल बनाकर खाना दें राज्य सरकार लॉकडाउन के चलते फंसे प्रवासी कामगारों व गरीबों के लिए उनके इलाके में अस्थाई आश्रय स्थल बनाकर उनमें खाने आदि की व्यवस्था करें।
किराया नहीं मांग सकते मकान मालिक: मकान मालिक एक महीने तक प्रवासियों कामगारों से किराया नहीं मांग सकते।
मकान खाली कराने पर कानूनी कार्रवाई: यदि कोई मकान मालिक छात्रों व कामगारों को घर खाली करने का दबाव डालते हैं तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
30 Mar 2020 12:57 am
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