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भजनलाल सरकार की योजना पर कैबिनेट मंत्री ने ही उठाए सवाल, बोले- अपात्रों पर पैसा लुटाने का कोई मतलब नहीं

मंत्री किरोड़ीलाल मीना ने कैबिनेट की बैठक में भजनलाल सरकार की योजना का विरोध किया।

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CM Bhajanlal Sharma

Photo- CM Bhajanlal X Handle (File Photo)

Rajasthan Politics: ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज विभाग की पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना को लेकर विरोध शुरू हो गया। कैबिनेट की बैठक में इस योजना पर स्वयं इसी विभाग के मंत्री किरोड़ीलाल मीना ने सवाल खड़े कर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि बीपीएल में शामिल जो लोग साधन-सम्पन्न हैं, उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप पैसा देने की क्या जरूरत है। अपात्रों पर पैसा लुटाने का कोई मतलब नहीं है। सरकारी सहायता तो उन परिवारों को मिलनी चाहिए, जो जरूरतमंद हैं और जिनके पास पक्के मकान नहीं है। यह बात अलग है कि मंत्री की इस असहमति को बैठक में रिकॉर्ड पर नहीं लिया गया।

यह है गरीबी मुक्त गांव योजना

दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को बेहतर आजीविका प्रदान करने के लिए सरकार ने 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। बीपीएल जनगणना 2002 की सूची के अनुसार प्रथम चरण में अप्रेल से जून 2025 तक सर्वे किया गया। 41 जिलों में प्रत्येक जिले से 122 गांवों का चयन कर कुल 5002 गांवों में 30631 परिवारों का सर्वे किया गया। सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। चयनित 72 प्रतिशत यानी 22076 परिवार गरीबी रेखा के दायरे से बाहर आ गए।

सवाल: लाभ मिलेगा या नहीं

गरीबी रेखा से ऊपर आए परिवारों को राज्य सरकार ने बीपीएल से बाहर होने का दावा कर दिया। सवाल यह है कि बीपीएल सूची केन्द्र सरकार की है और इस सूची के अनुसार ही खाद्य सुरक्षा योजना जैसी कई योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। ऐसे में गरीबी रेखा से बाहर आ चुके इन परिवारों को केन्द्रीय योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा या नहीं?

इनके पास बिजली-शौचालय नहीं

पहले चरण की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 6524 परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इनमें से 122 परिवार तो ऐसे हैं जिनके पास बिजली-पानी का कनेक्शन तो दूर पेट भरने के लिए अन्न तक नहीं है। 1580 परिवारों के पास जमीन का पट्टा, 1277 के पास घर, 1056 के पास टॉयलेट, 758 के पास इलाज कराने के लिए पैसे एवं 726 परिवारों के पास गैस कनेक्शन नहीं है। वहीं 728 परिवारों को पेंशन नहीं मिल रही है।

पहले चरण में बांटे जा रहे 46.35 करोड़

गरीबी रेखा से बाहर आने वाले प्रत्येक परिवार को 21 हजार की प्रोत्साहन राशि व आत्मनिर्भर परिवार कार्ड दिया जाता है। इस तरह 22076 परिवारों को प्रोत्साहन स्वरूप सरकार को कुल 46.35 करोड़ की राशि देनी है। विभाग ने कई परिवारों को राशि का भुगतान भी कर दिया। द्वितीय चरण के सर्वे के लिए 5000 गांवों के 77545 परिवार चिह्नित किए गए हैं। यह चरण दिसम्बर तक पूरा होगा।