जयपुर

वैज्ञानिकों ने किया आकाशगंगा के ‘प्राचीन दिल’ की खोज का दावा

शोध : 12.5 अरब साल पहले बने तारे कॉन्सटिलेशन सैगिटेरियस में 18,000 से ज्यादा प्रकाश वर्ष को कवर करती है प्रोटोगैलेक्सी

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Oct 23, 2022
वैज्ञानिकों ने किया आकाशगंगा के 'प्राचीन दिल' की खोज का दावा

वॉशिंगटन. खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा के 'प्राचीन दिल' की खोज करने का दावा किया है। इसी के प्राचीन नाभिक के चारों तरफ सभी सितारे और ग्रह विकसित हुए। आकाशगंगा के सबसे पुराने सितारे कॉन्सटिलेशन सैगिटेरियस में हैं। ये तारे 12.5 अरब साल पहले बने थे।
जर्मनी में मैक्स प्लैंक खगोल विज्ञान संस्थान के खगोलविद हेंस वाल्टर रिक्स का कहना है कि लंबे समय से अनुमान लगाया जाता रहा है कि पुराने सितारों की बड़ी आबादी हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद होनी चाहिए। डेटा से अब पता चला है कि वे वहां हैं। रिक्स के सहयोगियों ने बताया कि आकाशगंगा का प्राचीन हृदय एक गोलाकार प्रोटोगैलेक्सी है, जो 18,000 से ज्यादा प्रकाश वर्ष को कवर करती है। प्रोटोगैलेक्सी एक ऐसी जगह है, जहां से आकाशगंगा का विकास माना जाता है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री वसीली बेलोकुरोव ने कहा, यह अध्ययन आकाशगंगा के शुरुआती चरण के बारे में हमारी समझ को मजबूत करने में मदद करता है।

शोधकर्ताओं ने देखे 20 लाख सितारे
सैगिटेरियस कॉन्सटिलेशन में शोधकर्ताओं ने धातु से हाइड्रोजन अनुपात वाले करीब 20 लाख सितारों को देखा। तारों की गति की जांच के बाद खगोलविदों ने सिर्फ उन तारों पर फोकस रखा, जो आकाशगंगा की Disc के आसपास कम धातु वाले सितारों के प्रभावमंडल में नहीं घूमते। अंतिम परिणाम में खगोलविदों ने 18,000 पुराने सितारों का नमूना बनाया, जो आकाशगंगा के पहले नाभिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।

संपूर्ण संरचना के बारे में समझ बढ़ी
खगोलविदों का मानना है कि आकाशगंगा की शुरुआत के बारे में बहुत कम समझ थी। नया अध्ययन संपूर्ण संरचना के बारे में बड़ी समझ प्रदान करता है। पहले भी इन सितारों की झलक देखी गई थी। रिक्स और उनकी टीम ने गैया सैटेलाइट के डेटा के जरिए अध्ययन किया। यह सैटेलाइट 2013 में आकाशगंगा गैलेक्सी की मैपिंग के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था।

Updated on:
24 Oct 2022 07:57 am
Published on:
23 Oct 2022 10:34 pm
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