
जयपुर।
राजस्थान में कोचिंग छात्रों के सुसाइड मामले हमेशा से ही सुर्ख़ियों में रहे हैं। खासतौर से कोचिंग हब कोटा से आए दिन सामने आ रहे कोचिंग छात्रों के सुसाइड मामले डराते रहे हैं। लेकिन इन सब चर्चाओं और चिंताओं के बीच नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, एनसीआरबी के आंकड़े हैरान करने वाले हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर कोचिंग संस्थानों के संचालकों से संवाद कार्यक्रम एनसीआरबी के आंकड़े पेश किए। वर्ष 2021 के इन आंकड़ों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोचिंग छात्रों के सुसाइड मामले राजस्थान अन्य राज्यों से काफी पीछे है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देशभर में वर्ष 2021 में विद्यार्थियों के 13 हजार से भी अधिक आत्महत्याओं के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे ज़्यादा 1834 सुसाइड मामलों के साथ महाराष्ट्र अव्वल है। इसके बाद मध्यप्रदेश में 1308, तमिलनाडु में 1246, कर्नाटक में 855 और उड़ीसा में 834 मामले दर्ज हुए हैं। जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा 633 है जो दूसरे राज्यों की तुलना मेें कम है।
'समाधान के लिए सामूहिक प्रयास ज़रूरी'
सीएम गहलोत ने कहा कि कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड एक देशव्यापी समस्या है। लेकिन राजस्थान सरकार इस मुद्दे के प्रति गंभीर और संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान, अभिभावक, हॉस्टल-पीजी तथा प्रशासन के प्रभावी समन्वय तथा सामूहिक प्रयासों से इस समस्या का समाधान हो सकता है।
कई जगहों पर बन गए कोचिंग हब मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा के बाद जयपुर, सीकर, जोधपुर एवं बीकानेर जिले भी कोचिंग हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। कोचिंग संस्थानों से रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। राज्य सरकार की अनुप्रति कोचिंग योजना के माध्यम से तीस हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए सजग है।
सीएम ने कहा कि विद्यार्थियों को उपयुक्त माहौल मिले, इसके लिए जयपुर में कोचिंग हब बना रहे हैं। कोचिंग संस्थानों से संबंधित मुद्दों को चिन्हित कर उन पर रोडमैप तैयार करना ज़रूरी है। कोचिंग संस्थानों, छात्रों और अभिभावकों के मध्य समन्वय स्थापित करने के निरंतर प्रयास भी राज्य सरकार कर रही है।
भ्रामक विज्ञापनों पर प्रभावी कार्रवाई
संवाद के दौरान अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग संस्थानों के छात्रों पर अनावश्यक दबाव को रोकने तथा सम्बल प्रदान करने के क्रम में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के माध्यम से करवाई गई स्टडी के निष्कर्षों के आधार पर दिशानिर्देश जारी किए गए। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में निगरानी तंत्र भी स्थापित किया गया। कोचिंग संस्थानों में एवं जिला स्तर पर साइकोलॉजिकल काउंसलर एवं करियर काउंसलर की नियुक्ति पर भी जोर दिया जा रहा है।
Published on:
19 Aug 2023 01:49 pm
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