महंगी बिजली की मार झेल रही राजस्थान की जनता के लिए आम आदमी पार्टी ने सोलर प्रोजेक्ट लगाने के मामले में सरकार पर हमला बोला है।
जयपुर। महंगी बिजली की मार झेल रही राजस्थान की जनता के लिए आम आदमी पार्टी ने सोलर प्रोजेक्ट लगाने के मामले में सरकार पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी ने प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार ने राजस्थान की सोलर पॉलिसी 2019 के मुताबिक खुद के इस्तेमाल के लिए लगाए जाने वाले सोलर प्रोजेक्ट पर 7 साल के इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को सरकार ने माफ़ किया था, लेकिन बिजली विभाग ने जून 2021 में फाइनेंस डिपार्टमेंट के ऑर्डर का हवाला देते हुए अप्रैल 2020 से ड्यूटी वसूली शुरू कर बड़ा झटका दिया। इसका मतलब गहलोत सरकार अपनी बनाई हुई नीतियों के विपरीत काम कर रही है। वहीं डिस्कॉम की गलत नीतियों के कारण उसका हर्जाना जनता को भुगतना पड़ रहा है। ये बात आम आदमी पार्टी की प्रदेश सचिव मीनाक्षी जैदी ने कही। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं ये जो वसूली की गई इसका चार्ज उपभोक्ताओं से 60 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से वसूला गया जो कि एक आम नागरिक के लिए अनावश्यक बोझ है।
व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष पीयूष यादव ने कहा कि राजस्थान और दिल्ली की तुलना की जाये तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार अतिरिक्त यूनिट बिजली उत्पादन होने पर एक वर्ष की कैरी फॉरवर्ड सुविधा देती है। जबकि गहलोत सरकार सिर्फ एक महीने का कैरी फॉरवर्ड देती थी वो भी अब बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सभी सरकारी कार्यालयों के ऊपर रूफ टॉप सोलर लगवा दिए जाएं तो जनता के पैसे की बचत हो सकती है। व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष ने गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि जब जनता अपनी बिजली सरकार को देती है तो सरकार उसका चार्ज 2.17 पैसे प्रति यूनिट देती है, लेकिन जब वहीं जनता सरकार से बिजली खरीदे तो यही गहलोत सरकार बिना किसी झिझक के 7.95 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज करती है जो कि प्रदेश सरकार के दोहरे चरित्र का प्रमाण है।