
Ashok Gehlot
सीएम अशोक गहलोत ने 4 अगस्त को 19 नए जिलों का नोटिफिकेशन जारी किया। नए जिलों के सीमांकन के बाद राजस्थान की तस्वीर बदल गई। आज 7 अगस्त को इनकी आधारशिला रखकर शुरुआत कर दी जाएगी। नए जिले बनने और कई जिले पुनर्गठित होने से राजस्थान का इतिहास तो वही है पर भूगोल बदल गया है। दो कराेड़ से ज्यादा लोगों का पता बदल गया है। सवा सौ विधानसभा सीटें भी प्रभावित हो रही हैं। इसमें सबसे दिलचस्प बात सामने आई है कि नए राजस्थान के नक्शे में दो जिले तो ऐसे हैं जिनका एक ही जिला पड़ोसी रहेगा। कई जिले ऐसे भी हैं जिन्हें पड़ोसी के रूप में पांच-पांच जिले मिले हैं यानि की इनकी सीमा पांच-पांच जिलों को छुएगी।
जयपुर शहर और जाेधपुर शहर के पास एक जिला
जयपुर और जोधपुर से भी जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण जिले बनाए गए हैं, लेकिन इनके सीमांकन में जयपुर शहर और जोधपुर शहर की सीमा सिर्फ इनके ग्रामीण जिले तक ही रहेगी। इन जिलों का एक ही पड़ोसी जिला होगा। जयपुर के साथ-साथ जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली-बहरोड भी जिले बना दिए गए हैं। इसी तरह जोधपुर से जाेधपुर ग्रामीण, फलोदी जिला बनाया गया है।
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तीन की सीमा छुएगी पांच जिलों तक
सीमांकन के बाद नए जिलों में ब्यावर, केकड़ी और कोटपूतली-बहरोड के पांच-पांच जिले पड़ोसी बन गए हैं। इनमें ब्यावर के पड़ोसी जिलों में जोधपुर ग्रामीण,पाली, केकड़ी, अजमेर और भीलवाड़ा शामिल हो गए हैं। इसी तरह केकड़ी की सीमा टोंक, अजमेर,ब्यावर, शाहपुरा और भीलवाड़ा जिले को भी छुएगी। साथ ही कोटपूतली- बहरोड की सीमा जयपुर ग्रामीण, अलवर, खैरथल-तिजारा और नीमकाथाना से जुड़ गई है।
इन जिलों में भी ज्यादा पड़ोसी जिले
नए जिलों में दूदू की सीमा जयपुर ग्रामीण, अजमेर और टोंक तक रहेगी। इसी तरह सांचाेर की सीमा बाड़मेर, बालोतरा, जालोर और सिरोही तक आएगी। सवाई माधोपुर का भी सीमाकंन टोंक, गंगापुर सिटी, करौली और दौसा तक किया गया है।
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Published on:
07 Aug 2023 10:17 am
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