
राजस्थान में नई टाउनशिप पॉलिसी
राजस्थान की नई टाउनशिप पॉलिसी को कैबिनेट मंजूरी देगी। सरकार ने इसका ड्राफ्ट कैबिनेट में ले जाने का फैसला किया है। इसके पीछे मंशा यह है कि भविष्य में पॉलिसी में किसी भी तरह के बदलाव के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया जाए। नगरीय विकास विभाग सीधे इसमें बदलाव नहीं कर सकेगा और न ही कैबिनेट में ले जाने की जरूरत होगी, बल्कि सीएम ही संशोधन कर अंतिम फैसला लेंगे।
जबकि अभी तक नगरीय विकास विभाग अपने स्तर पर कई पॉलिसी जारी करता आया है। पॉलिसी में आमूलचूल परिवर्तन किए जा रहे हैं जिस पर कैबिनेट को अधिकारिकत तौर पर जानकारी देनी होती है। बताया जा रहा है कि पॉलिसी ड्राफ्ट में कई तरह के शुल्क में डेढ़ से दोगुना तक बढ़ोतरी की जा रही है।
इस पॉलिसी के कई नई प्रावधान को लेकर बिल्डर्स- डवपलपर्स रजामंद नहीं थें कई जनप्रतिनिधियों ने भी आपत्ति जताई थी। इनमें सत्ताधारी पार्टी के कई विधायक तक भी शामिल रहे। इसके बाद बिल्डर्स व अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ दोबारा मीटिंग करनी पड़ी। इसे भी काफी समय बीत चुका है। इसके बावजूद पॉलिसी को लटकाया जा रहा है।
डवलपर्स को 7 साल तक टाउनशिप की मेंटीनेंस करनी होगी। तब तक 25 फीसदी भू—खंड नहीं बेच सकेगा। छोटे से बड़े टाउनशिप में समान मापदंड लागू होंगे। अभी 2 हैक्टेयर से कम क्षेत्रफल की टाउनशिप में सुविधाओं का प्रतिशत कम है। नई विकसित होने वाली योजनाओं में आमजन के लिए पार्क एवं जन सुविधाएं ज्यादा उपलब्ध कराने होंगे।
बड़े डवलपर्स अभी उपभोक्ताओं से ले—आउट स्वीकृति शुल्क, लीज राशि,सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर डवपलपमेंट चार्ज, स्टांप ड्यूटी
सब डिवीजन चार्ज आदि वसूल रहे हैं। वहीं बढ़े हुए शुल्क का भार भी खरीदार पर ही पड़ना तय है।
Updated on:
20 May 2025 08:19 am
Published on:
20 May 2025 08:14 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
