
11.16 पर पहुंची एंबुलेंस 11.9 पर शुरू हुआ इलाज
कोविड से बचाव के लिए प्रदेश सरकार भले ही बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इससे बचाव के लिए जरूरी वैक्सीन ही नहीं है। इतना ही नहीं कहीं आक्सीजन प्लांट आधा काम कर रहा है तो कहीं पर जरूरी उपकरण कबाड़ में रखे हैं। कोविड को लेकर जरूरी दवाएं भी उपलब्ध नहीं है। चीन में कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 के तबाही मचाने के बाद एक बार फिर से भारत में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। देश में भी राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं और इससे निपटने की तैयारियों में जुट गई हैं।
सबसे बड़ी बात यही है कि देश भर में कोविड-19 वायरस के नए वैरिएंट को लेकर चल रही चिंता के बीच राजस्थान में कोविशील्ड और कॉर्बेक्स वैक्सीन की एक भी डोज अनुपलब्ध नहीं है। यह हालत तो तब है जबकि केन्द्र राज्य सरकारों को लगातार कोविड प्रबंधन के इंतजामों के निर्देश दे रहा है।
राजस्थान में बड़ी आबादी को कोविशील्ड और 12 से 14 आयु वर्ग के लिए कॉर्बेक्स वैक्सीन की जरूरत है। कोवैक्सीन की करीब 8 लाख डोज राज्य के पास है, लेकिन उसे लगवाने वाले बेहद कम हैं। गौरतलब है कि नए वैरिएंट की आहट के बीच लोग अब बूस्टर डोज लगवाना चाह रहे हैं। लेकिन उक्त दोनों वैक्सीन की आवश्यकता होने पर उन्हें यह सुविधा नहीं मिल रही।
मुख्यमंत्री कर रहे दावा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए तैयार राजस्थान का दावा कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि राजस्थान सरकार अभी से कोरोना के खतरे को लेकर अलर्ट हो गई है। कोरोना की चाहे कैसी भी स्थिति आए, उससे मुकाबला करने को राज्य तैयार है। यह अलग बात है कि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
नहीं है वैक्सीन
कोविशील्ड और कॉर्बेक्स के लिए केन्द्र को अवगत करा दिया है। अभी हमारे पास ये दोनों वैक्सीन नहीं हैं। जल्द आने की संभावना है।
डॉ.रघुराज सिंह, नोडल अधिकारी, टीकाकरण
Published on:
28 Dec 2022 09:53 am
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