
जयपुर. स्मार्ट सिटी योजना के तहत राजधानी जयपुर को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने के लिए करीब 900 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन 10 साल बाद भी शहर स्मार्ट नहीं बन पाया। कई काम अधूरे हैं और कुछ सालों में किए गए काम बदरंग हो चुके हैं। अब इन्हीं कामों पर फिर से करोड़ों रुपए खर्च करने की तैयारी शुरू हो गई है।
स्मार्ट सिटी के तहत अब भी 122.32 करोड़ रुपए लागत के 9 प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। वहीं अधिकारी स्मार्ट सिटी 2.0 के तहत 125 करोड़ रुपए के नए कामों का खाका तैयार करने में जुटे हैं।
गणगौरी बाजार : पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल का विस्तार कार्य अधूरा है। इसे 28 फरवरी तक पूरा करने का समय दिया गया है।
किशनपोल क्षेत्र : राजकीय बालिका महाविद्यालय की बाउंड्रीवॉल अधूरी है, जबकि महाविद्यालय शुरू हो चुका है।
राजस्थान विधानसभा : डिजिटल म्यूजियम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का स्कल्पचर अब तक नहीं लग पाया है।
सुरक्षा व्यवस्था : शहर में 2 हजार कैमरे लगाने का काम अधूरा है। अभय कमांड सेंटर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए हाल ही में टेंडर हुए हैं।
-चारदीवारी क्षेत्र का स्पेशल हैरिटेज एरिया प्लान अधूरा है, केवल 70% काम हुआ है।
- चौगान स्टेडियम में मल्टीपर्पज हॉल का निर्माण अधूरा है।
- लालडूंगरी में मॉडर्न कचरा ट्रांसफर स्टेशन का काम भी पूरा नहीं हुआ है।
परकोटे के बरामदों की मरम्मत और बाजारों में फसाड़ वर्क पर स्मार्ट सिटी के तहत करीब 13 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। त्रिपोलिया बाजार में कुछ साल पहले ही 2.49 करोड़ रुपए फसाड़ वर्क और मरम्मत पर खर्च किए थे। अब त्रिपोलिया सहित 4 बाजारों में फिर से 43 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
कुल प्रोजेक्ट : 153
बजट : 1017.31 करोड़ रुपए
पूरे हुए प्रोजेक्ट : 144
खर्च : 894.99 करोड़ रुपए
अधूरे प्रोजेक्ट : 9 (लागत 122.32 करोड़ रुपए)
स्मार्ट सिटीज 2.0 के प्रस्ताव
Published on:
26 Dec 2025 11:56 am
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