28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

PCPNDT Act: पीसीपीएनडीटी में एक साल में सिर्फ 6 डिकोय

PCPNDT Act: सिर्फ निरीक्षण कर पूरी की जा औपचारिकता सोनोग्राफी केंद्रों का निरीक्षण अभियान जारी

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Tasneem Khan

Feb 07, 2022

Only 6 decoys in a year in PCPNDT

Only 6 decoys in a year in PCPNDT

PCPNDT Act:

प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर लगातार निरीक्षण करने के दावे सामने आ रहे हैं, लेकिन इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिए किए जाने वाले डिकोय ऑपरेशन से अभी चिकित्सा विभाग की दूरी दिखाई दे रही है। डिकोय ऑपरेशन को लेकर विभाग कितना तत्पर है, इसकी एक बानगी एक साल में किए गए डिकोय ऑपरेशन की संख्या को देखकर मिलती है। आंकड़ों के मुताबिक विभाग की ओर से साल 2021 में 6 डिकोय ऑपरेशन किए गए हैं। जबकि प्रदेश में वर्तमान में 278 राजकीय और 3 हजार 667 निजी सहित कुल 3 हजार 945 सोनोग्राफी केन्द्र पंजीकृत हैं। इनमें से वर्तमान में 2 हजार 253 सोनोग्राफी केन्द्र क्रियाशील हैं। इतनी बड़ी संख्या में प्राइवेट सोनोग्राफी सेंटर की तुलना में डिकोय ऑपरेशन की संख्या ना के बराबर है। एक्ट के तहत राज्य में पिछले कुछ सालों में कुल 161 डिकॉय आपरेशन किए गए हैं। इसके तहत अब तक कुल 533 सोनोग्राफी केंद्र सील करने की कार्रवाई भी की गई थी।

मुखबिर की राशि भी 3 लाख
राज्य सरकार की ओर से भ्रूण जांच की सूचना देने वाले मुखबिर को राशि 3 लाख रुपए दी जाती है। आमजन बिना किसी भय और दबाव के सूचना दे सकता है। सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय भी रखी जाती है। इसके बावजूद एक्ट पर कोई बड़ी कार्रवाई बीते साल से नहीं की गई है। इसका बड़ा कारण विभाग का मुखबिर तंत्र का विकसित नहीं कर पाना भी है।

अभी चल रहा अभियान
प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम की पालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 5 से 20 फरवरी तक सोनोग्राफी केंद्रों का सघन निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के पहले दिन 5 फरवरी को राज्य के 58 सोनोग्राफी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। वहीं 6 जनवरी को 80 केंद्रों का निरीक्षण हुआ। मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने सभी जिला समुचित प्राधिकारी एवं उपखंड समुचित प्राधिकारियों को इस अभियान को गंभीरता से लेते हुए निरीक्षण कार्य को निर्धारित समय में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार 90 दिन में प्रत्येक सोनोग्राफी केंद्र का निरीक्षण होना निर्धारित किया गया है। अभियान के बाद भी नियमित मॉनिटरिंग जारी रहेगी।

हालांकि लिंगानुपात बढ़ा
प्रदेश में वर्तमान लिंगानुपात की बात करें तो महिला लिंगानुपात जो 2011 में 1000 पुरुषों के मुकाबले 900 था, वह अब बढ़कर 945 हो गया है। हाल ही में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी निदेशालय स्तर पर अंतरजिला और प्रदेश स्तर पर कमेटी बनाकर सोनोग्राफी सेंटर्स का औचक निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए हैं। लेकिन औचक निरीक्षण और डिकोय आॅपरेशन अब सिर्फ औपचारिक निरीक्षण रह गए हैं।


बड़ी खबरें

View All

जयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग