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सिर्फ एक छात्र ने चुना कन्नड़ माध्यम इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम

केंंद्र सरकार के तकनीकी और पेशेवर पाठ्यक्रमों को मातृभाषाओं में पढ़ाने के दबाव के बावजूद राज्य में इस प्रयास को विद्यार्थियों से अपेक्षित सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। नई शिक्षा नीति (एनइपी) में मातृभाषा मेंं पढ़ाई को प्रमुखता दी गई है। राज्य सरकार भी उच्च शिक्षा और पेशेवर पाठ्यक्रमों में कन्नड़ माध्यम को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है मगर कन्नड़ भाषा में अभियांत्रिकी की पढ़ाई को लेकर विद्यार्थियों में उत्साह नहीं दिख रहा है।

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Education: अभाविप के नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने किया विश्वविद्यालय में प्रदर्शन

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केंंद्र सरकार के तकनीकी और पेशेवर पाठ्यक्रमों को मातृभाषाओं में पढ़ाने के दबाव के बावजूद राज्य में इस प्रयास को विद्यार्थियों से अपेक्षित सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। नई शिक्षा नीति (एनइपी) में मातृभाषा मेंं पढ़ाई को प्रमुखता दी गई है। राज्य सरकार भी उच्च शिक्षा और पेशेवर पाठ्यक्रमों में कन्नड़ माध्यम को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है मगर कन्नड़ भाषा में अभियांत्रिकी की पढ़ाई को लेकर विद्यार्थियों में उत्साह नहीं दिख रहा है। स्नातक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए हाल ही में संपन्न सामान्य प्रवेश परीक्षा (यूजी-केसीइटी)-२०२२ के काउंसलिंग में एक सिर्फ एक विद्यार्थी ने ही कन्नड़ माध्यम से पढ़ाई का विकल्प चुना। इस साल इंजीनियरिंग के दो संकायों में कन्नड़ माध्यम से पढ़ाई के लिए ६६ सीटों उपलब्ध थी मगर ६५ सीटें रिक्त रह गई।

अधिकारियों ने बताया कि कन्नड़ माध्यम में सिविल इंजीनियरिंग के लिए 42 और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए 24 सीटें उपलब्ध थी मगर केवल एक छात्र ने कन्नड़ माध्यम में सिविल इंजीनियरिंग का चयन किया। अधिकारियों का कहना है कि विद्यार्थियों की अरूचि के कारण मातृभाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिल पा रही है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ ) ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए एसजेसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चिकबल्लापुर और भीमन्ना खंड्रे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीकेआईटी), भाल्की को कन्नड़ माध्यम में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की पेशकश करने की अनुमति दी है।

पिछले साल इन दोनों कॉलेजों सहित पांच इंजीनियरिंग कॉलेजों ने कन्नड़ माध्यम में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की पेशकश की थी। हालांकि, चार छात्रों ने सीइटी काउंसलिंग के दौरान इन पाठ्यक्रमों को चुना, लेकिन बाद में उन्होंने कॉलेजों से प्रवेश वापस ले लिया।