
Rajasthan Assembly Session
कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक योजना
( पीकेसी ) राजस्थान के लिए बड़ा उपहार है। इससे पूर्वी राजस्थान में निवास करने वाली प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को भरपूर पानी मिलेगा तथा 2.80 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। योजना के मूर्त रूप लेने पर प्रदेश के किसान खुशहाल होंगे और उद्योगों का विकास होगा।
कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री मंगलवार को विधानसभा में इस परियोजना पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। मीना ने कहा कि वर्ष 2019 एवं 2020 में पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने 75 प्रतिशत निर्भरता का प्रोजेक्ट बनाने की बात कहते हुए इस पर सहमति देने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1975 में केन्द्र सरकार द्वारा जारी परिपत्र, केन्द्रीय जल आयोग की गाइडलाइन तथा योजना आयोग के मापदण्डों के अनुसार किसी भी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए 75 प्रतिशत निर्भरता की शर्त पूरी होना जरूरी है।
मीना ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 के बाद से किसी भी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया गया है। लेकिन एनपीपी (राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना) का प्रोजेक्ट होने के कारण अब केन्द्र सरकार संशोधित पीकेसी लिंक योजना (ईआरसीपी के साथ एकीकृत) के लिए 90 प्रतिशत अंशदान देगी, जिससे राज्य सरकार को कम आर्थिक भार वहन करना पड़ेगा। योजना के मूर्त रूप लेने से राज्य को 3378 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी उपलब्ध होगा। इसमें पेयजल, सिंचाई, उद्योग तथा बांधों के भराव आदि के लिए 2930 एमसीएम तथा धौलपुर लिफ्ट परियोजना के लिए 448 एमसीएम पानी का प्रावधान किया जाएगा।
इससे पूर्व जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने चर्चा की शुरूआत में वक्तव्य देते हुए कहा कि यह परियोजना राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। यह किसान परिवारों को और अधिक सशक्त तथा समृद्ध बनाने वाली है, जिससे किसानों का जीवन बदलेगा।
Published on:
30 Jan 2024 09:25 pm
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