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SCAM : स्मार्ट लाइट में गड़बड़झाला, खुद को स्मार्ट बनाने रहे ये इंजीनियर

निर्वाचन विभाग ने तलब की रिपोर्ट, यूडीएच भी नाराज

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SCAM : स्मार्ट लाइट में गड़बड़झाला, खुद को स्मार्ट बनाने रहे ये इंजीनियर

SCAM : स्मार्ट लाइट में गड़बड़झाला, खुद को स्मार्ट बनाने रहे ये इंजीनियर


जयपुर। शहर की कई मुख्य सड़कों पर रोड लाइट मंद पड़ी है। अफसरों को यहां रोशनी बढ़ाने से ज्यादा चिंता नई स्मार्ट लाइट लगाने पर है। जेडीए ऐसी पांच हजार स्मार्ट लाइट शहर के बाहरी मुख्य सड़कों पर लगा रहा है, जहां ट्रैफिक का संचालन बहुत ज्यादा नहीं है। इस पर करीब 13 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आचार संहिता के दौरान स्मार्ट लाइट लगाने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अफसरों से रिपोर्ट तलब की है। इस स्थिति के बाद नगरीय विकास विभाग ने भी जेडीए प्रशासन से इस प्रोजेक्ट की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें पहले लगाई गई स्मार्ट लाइटों से जुड़ी रिपोर्ट भी देने के लिए कहा गया है।

यह बना कारण
-पहले विद्याधर नगर, निवारू-लालचंदपुरा, सवाई गैटोर, बाड़ा पदमपुरा, शिवदासपुरा, जगतपुरा-महल रोड पर स्मार्ट लाइट लगाई गई थी, लेकिन इससे बिजली की कितनी बचत हुई या नहीं, इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट नहीं बताई गई। इसके बिना ही नए प्रोजेक्ट पर मुहर लगवा ली गई।
-आबादी की बजाय बाहरी इलाकों को चिन्हित किया गया। इसमें ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है। कुछ अभियंताओं की कार्यशैली भी सवाल उठाए गए हैं।
-भवान सिंह रोड, स्टेच्यू सर्किल, भगवानदास रोड, झोटवाड़ा, क्वींस रोड सहित कई मुख्य सड़के हैं, जहां रोड लाइट की रोशनी लगभग खत्म हो गई है। यहां अंधेरे जैसी स्थिति बन गई। लेकिन अफसरों ने इन्हें ठीक करने पर फोकस नहीं किया।

आउटर एरिया में लगा रहे
कालवाड़ रोड पर हाथोज से कालवाड़, सिरसी रोड, सेज, गोनेर रोड, दिल्ली रोड, आगरा रोड, चौमूं सहित अन्य सड़कें। ज्यादातर इलाके नगर निगम सीमा से बाहर है। ऐसे में इन्हें नगर निगम को हस्तांतरित करने की जरूरत नहीं होगी। अभी ज्यादातर जगह सोडियम लाइट लगी होने का हवाला दिया जा रहा है।

जिम्मेदार अधिकारी
-सी.पी. गुप्ता, अधिशासी अभियंता

-महेश आढा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता
-अजय गर्ग, निदेशक