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पग पग पर श्वान, सांसत में इंसान की जान

रात का सन्नाटा, सड़कें वीरान, लेकिन गिने-चुने राहगीरों के चेहरे पर भय और खौफ, घर तक के सफर में सांसें अटकी की अटकी। सही सलामत पहुंचे तो अपना नसीब नहीं तो अस्पताल की शरण। 

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Moti ram

Jul 15, 2015

रात का सन्नाटा, सड़कें वीरान, लेकिन गिने-चुने राहगीरों के चेहरे पर भय और खौफ, घर तक के सफर में सांसें अटकी की अटकी। सही सलामत पहुंचे तो अपना नसीब नहीं तो अस्पताल की शरण।

पिछले लंबे समय से बांसवाड़ा शहर में रात के समय कुछ ऐसे ही माहौल में लोग अपना सफर तय कर रहे हैं। यह खौफ किसी इंसान के कारण नहीं है, न ही कोई अशांति का माहौल है। लोगों के जीवन पर इस तरह डर का साया मंडरा रहा है आवारा श्वानों के कारण। मुख्य सड़क हो या गलियां, पैदल जाएं या दुपहिया वाहन पर, श्वानों के हमले व्यक्ति की जान सांसत में डाल रहे हैं।

पग-पग पर श्वानों के झुण्ड दिखेंगे। श्वानों का यह आतंक शहर के किसी एक हिस्से में भी सीमित नहीं है बल्कि हर जगह उनका साम्राज्य इंसान को चुनौती देता दिखता है। हाल ही कुत्ते के काटने से केशव की मौत खतरे की भयावहता बताने के लिए पर्याप्त है। कुत्ते ने काटा और आप ने उपचार में लापरवाही बरती तो मौत निश्चित है, आपको कोई नहीं बचा सकता।

शहर में श्वानों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन नगर परिषद श्वानों को पकडऩे और उनकी संख्या पर लगाम लगाने के तरीके अपनाने के उपाय करने में विफल ही साबित हुई है।

रोज दस जने शिकार
कुत्ते के काटने से प्रतिदिन दस जने एमजी अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे शहर में बढ़ रही कुत्तों की संख्या का अंदाज सहज ही लग जाता है। दाहोद रोड, कस्टम चौराहा, आवासन मंडल कॉलोनी, उदयपुर रोड, मुस्लिम कॉलोनी, मदार कॉलोनी, रतलाम रोड समेत सभी प्रमुख सड़कों पर वाहनों के पीछे कुत्तों के झुण्ड दौडऩे के दृश्य आम हैं। ऐसे में मोटरसाइकिल व अन्य दुपहिया वाहनों पर सवार लोग जैसे-तैसे कुत्तों से पीछा छुड़ाते हैं। कुत्ते इन वाहनों पर सवार लोगों को शिकार बनाने में सफल हो जाते हैं।

गाय पकड़ रहे, कुत्ते नहीं
नगर परिषद ने गत दिनों जिला कलक्टर के निर्देश पर आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए ठेका किया। ठेकेदार ने गत कुछ दिनों में गायों को पकड़ा, लेकिन अब तक एक भी आवारा कुत्ता नहीं पकड़ा जा सका है।

जान पर बन आई
कुत्ते के काटने से घाटोल क्षेत्र के बोदलापाड़ा गांव निवासी केशव को जान से हाथ धोना पड़ा है। हीमरवाड़ा गांव निवासी दादू पत्नी जीवाला के हाथ व मुंह पर भी कुत्तों ने गहरे जख्म दिए हैं।

केशव का टूटा दम
ंबांसवाड़ा। जिले के घाटोल क्षेत्र के बोदलापाड़ा गांव के हाइड्रोफोबिया पीडि़त केशव की मंगलवार शाम को उदयपुर के एमबी अस्पताल में मौत हो गई।
मृतक के भाई भैरू ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि हाइड्रोफोबिया का शिकार होने के बाद केशव को जिस अमानवीय तरीके से लकडिय़ों पर हाथ पैर बांध कर अस्पताल लाया गया था उससे वह सुर्खियों में आ गया था और राज्य सरकार ने जिला कलक्टर से मामले की रिपोर्ट तक मांग ली।

यह था मामला
केशव को गांव में ढाई माह पहले कुत्ते ने काटा था। उसे एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं लग सके। जिसकी वजह से रविवार को उसकी तबीयत बिगड़ गई। संक्रमण की आशंका के चलते ग्रामीण उसे लकडिय़ों पर लटका कर घाटोल अस्पताल ले गए। जहां से उसे बांसवाड़ा एमजी अस्पताल रैफर किया गया। चिकित्सकों ने उसे हाइड्रोफोबिया का रोगी घोषित कर उदयपुर चिकित्सालय रेफर किया था।