
Auto rickshaw
पुणे. ट्रैफिक जाम और लाल बत्ती के दौरान सवारियों को बोरियत से बचाने के लिए पुणे के ऑटो रिक्शा चालक प्रशांत कांबले ने अपने वाहन को चलती-फिरती लाइब्रेरी में तब्दील कर दिया है। वह कई साल से ऑटो चला रहे हैं। मोबाइल लाइब्रेरी के कारण पुणे में उनकी विशेष पहचान बन चुकी है। उनकी यह पहल खासी लोकप्रिय हो रही है।
प्रशांत कांबले बताते हैं कि ट्रैफिक में फंसे होने के दौरान पहले वह खुद पढ़ने के लिए ऑटो रिक्शा में कुछ किताबें रखते थे। धीरे-धीरे उन्होंने पाया कि उनकी सवारियां भी किताबें पढ़ना पसंद करती हैं। इसी दौरान उनकी मुलाकात ओपन लाइब्रेरी के लिए काम करने वाली प्रियंका चौधरी से हुई। उन्होंने कांबले को ऑटो रिक्शा में छोटी-सी लाइब्रेरी स्थापित करने की सलाह दी और इसके लिए किताबें उपलब्ध कराने का वादा किया। कांबले ने बताया कि उनकी सवारियों को भी मोबाइल लाइब्रेरी का विचार पसंद आया। कई लोग ऑटो रिक्शा किराए पर लेने के लिए सिर्फ इसलिए उन्हें फोन करते हैं कि किताबें पढ़ने को मिलेंगी।
..ताकि लोकप्रिय की जाए मराठी भाषा
प्रियंका चौधरी का कहना है कि हमारी कोशिश आम लोगों के बीच मराठी भाषा को लोकप्रिय बनाना है। ओपन लाइब्रेरी की मदद से हम लोगों को मराठी में किताबें उपलब्ध करा रहे हैं। प्रशांत कांबले के ऑटो रिक्शा में तरह-तरह की किताबें हैं और पाठक उन तक पहुंच रहे हैं।
यात्री भी करते हैं किताबों का दान
कांबले तीन साल से ऑटो रिक्शा में मोबाइल लाइब्रेरी चला रहे हैं। वह किताबें मुफ्त भी बांटते हैं। उनकी इस पहल से प्रभावित होकर लोगों की तरफ से उन्हें किताबें दान में भी मिलने लगी हैं।
Published on:
12 May 2023 10:37 pm
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