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Railway: मानसून में रेलवे अलर्ट मोड पर, सर्वे कर खतरे वाले स्थान किए चिन्हित, ये किए इंतजाम

जोन के 167 रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) पर हाई पावर पंप लगाए गए हैं, ताकि तेज बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति में पानी की तत्काल निकासी की जा सके। इसके अतिरिक्त, 328 स्थायी चौकीदारों की तैनाती की गई है, जो तेज बारिश की स्थिति में अंडरपास पर यातायात रोकने, सुरक्षा बनाए रखने, और संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

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मानसून में रेलवे अलर्ट मोड पर, पत्रिका फोटो

Rajasthan Railway: मानसून के दौरान रेलवे यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं। विशेष रूप से अंडरपास और कम ऊंचाई वाले सबवे में जलभराव की समस्या से निपटने को लेकर जोन की ओर से तकनीकी उपाय किए गए हैं।

आरयूबी पर लगाए हाईपावर पंप

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार, जोन के 167 रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) पर हाई पावर पंप लगाए गए हैं, ताकि तेज बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति में पानी की तत्काल निकासी की जा सके। इसके अतिरिक्त, 328 स्थायी चौकीदारों की तैनाती की गई है, जो तेज बारिश की स्थिति में अंडरपास पर यातायात रोकने, सुरक्षा बनाए रखने, और संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

अंडरपास पर लगाए वाटर लेवल गेज

रेलवे ने सभी अंडरपास पर जल स्तर मापक निशान लगाए हैं और खतरनाक जल स्तर की स्पष्ट चेतावनियां भी अंकित की हैं। इसके साथ ही, स्थानीय निकायों और पंचायतों के सहयोग से उन स्थानों की पहचान की गई है, जहां ऊंचाई से पानी बहकर अंडरपास में एकत्र हो सकता है। ऐसे क्षेत्रों में नालों और जल निकासी मार्गों की मरमत और सफाई कर बहाव की दिशा को नियंत्रित किया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इन सभी तैयारियों पर उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 18.32 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

खतरे वाले स्थानों पर चौकीदार तैनात

रेलवे प्रशासन ने पिछले दिनों सर्वे कर मानसून के दौरान खतरे संभावित क्षेत्र चिन्हित किए। वहीं अब मानसून के दौरान 328 चौकीदारों की तैनाती चिन्हित स्थानों पर की गई है। जो तेज बारिश की स्थिति में अंडरपास पर यातायात रोकने, सुरक्षा बनाए रखने, और संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

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