
rare earth elements
अरुण शर्मा
राजस्थान अकेला ही रेयर अर्थ खनिज उत्पादन में ना केवल चीन की बादशाहत कम कर सकता है, बल्कि दूसरे देशों को आपूर्ति भी कर सकता हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) एवं एटॉमिक मिनरल्स निदेशालय (एएमडी) के सर्वे में बालोतरा की सिवाना तहसील के भाटी खेड़ा में रेयर अर्थ मिनरल्स के बड़े भंडार सामने आए हैं। बता दें कि वर्तमान में दुनिया के 90 फीसदी रेयर अर्थ एलिमेंट्स का चीन में उत्पादन होता हैं। इनमें 17 तरह के दुर्लभ तत्व होते हैं, आधुनिक तकनीक में इनकी मांग बहुत है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जीएसआई एवं एएमडी की ओर से बालोतरा एवं जालोर जिले में कई जगहों पर सर्वे का कार्य जारी है। इसमें बालोतरा जिले की सिवाना तहसील के भाटी खेड़ा इलाके में सर्वे कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जल्द ही यहां खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी। दुर्लभ खनिजों के लिए केन्द्र सरकार प्राइवेट कंपनियों या प्रदेश की सरकारी एजेंसियों को खनन लीज की नीलामी करती है। भाटी खेड़ा में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी इत्यादि नजदीक नहीं होने के कारण माना जा रहा है कि पर्यावरण या स्थानीय स्तर की कोई बाधा नहीं आएगी।
खनन विभाग बाड़मेर के वरिष्ठ भू वैज्ञानिक डॉ.चंद्रप्रकाश दाधीच ने बताया कि भाटी खेड़ा ब्लॉक में हार्ड रॉक ग्रेनाइट में रेयर एलिमेंट्स हैं, हार्ड रॉक में दुर्लभ खनिज भंडार वाला यह देश का पहला ब्लॉक होगा। आमतौर पर हार्ड रॉक में यह कम मात्रा में मिलते हैं। जीएसआई के अधिकारियों के अनुसार, यहां जी 2 लेवल सर्वे हो चुका है, यानी रेयर एलिमेंट्स के बड़े भंडार प्रमाणित हैं।
रेयर अर्थ तत्व इलेक्ट्रोनिक्स, ग्रीन एनर्जी, रक्षा क्षेत्र, हाई पावर मैगनेट, एयरोस्पेस एवं अन्य उपकरण बनाने में काम आते हैं। विश्व बाजार में इनकी बहुत मांग है। बाड़मेर, बालोतरा, जालोर में रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए सर्वे हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि खनिज भंडारों की खोज और मूल्यांकन, सटीक मैपिंग, तकनीकी व बुनियादी ढांचे को मजबूत करके खनन के लिए निवेशकों को आकर्षित किया जाए तो राजस्थान को रेयर अर्थ खनिज का बड़ा हब बन सकता है।
Updated on:
16 Jul 2025 02:56 pm
Published on:
16 Jul 2025 07:40 am
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