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राजस्थान विधानसभा चुनाव: प्रचार के 15 दिन, एक दिन का दिखा रहे 50 हजार, खर्च हो रहा पांच लाख तक

राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए प्रत्याशी पूरा जोर लगा रहे हैं। गुरुवार शाम छह बजे प्रचार का शोर थम गया। नामांकन के बाद मिले 15 दिन में प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में खूब खर्चा किया है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Nov 24, 2023

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Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए प्रत्याशी पूरा जोर लगा रहे हैं। गुरुवार शाम छह बजे प्रचार का शोर थम गया। नामांकन के बाद मिले 15 दिन में प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में खूब खर्चा किया है। हालांकि प्रत्याशियों की ओर से निर्वाचन विभाग को खर्च बहुत कम दिखाया है। पिछले दिनों निर्वाचन विभाग को सौंपे व्यय के ब्यौरे में एक प्रत्याशी ने दिन का औसत खर्चा 30 हजार से 50 हजार रुपए बताया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। प्रत्याशी चुनाव प्रचार, कार्यालय, वाहनों सहित अन्य मदों पर खूब खर्चा कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका ने जयपुर शहर के कई प्रत्याशियों के कार्यालयों व कार्यकर्ताओं के बीच रहकर सुबह से शाम तक खर्चे का आकलन किया तो सामने आया कि औसतन एक प्रत्याशी चुनाव में तीन से पांच लाख रुपए रोज खर्च कर रहा है।

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जानिए किस पर कितना हो रहा खर्च
वाहन का गणित
50 से अधिक अलग-अलग वाहन चल रहे प्रत्याशी के समर्थन में
20 से 25 वाहन प्रत्याशी के साथ चल रहे
10-15 वाहन कार्यकर्ताओं और समर्थकों के पास
10 से अधिक ई रिक्शा सहित अन्य वाहन क्षेत्र में घूम रहे
1000 रुपए प्रति वाहन डीजल का खर्च
5000 रुपए का पेट्रोल वाहनों पर

चाय-नाश्ता
300 से 500 लोग औसतन कार्यालय पर रोज रहते
1000 से 1500 चाय रोज कार्यालयों में आ रही है
8 हजार रुपए तक चाय पर खर्च हो रहे रोज
20 से 25 हजार रोज कार्यालयों में नाश्ते पर हो रहे हैं खर्च

लंच-डिनर
500 से 800 लोगों का सुबह-शाम खाना बन रहा
80 रुपए औसतन प्लेट के हिसाब से बन रहा खाना
50 हजार रुपए तक रोज लंच-डिनर पर खर्च हो रहा

स्वागत में माला
100 माला रोज कार्यालय पर आ रही
15 रुपए माला प्रति खरीदी जा रही बाजार से

चुनाव कार्यालय
15 से 20 चुनाव कार्यालय चल रहे हैं एक प्रत्याशी के
1500-2000 रुपए किराया है रोज प्रति कार्यालय
20 फीसदी कार्यालय नि:शुल्क 80 फीसदी कार्यालय हैं किराए पर

टैंट हाउस का सामान
300 कुर्सी कार्यालयों में ली जा रही उपयोग में
10 रुपए प्रति कुर्सी की कीमत ले रहे व्यापारी
50 छोटे-बड़े गद्दे उपयोग में लिए जा रहे
1 हजार रुपए का टैंट का अन्य सामान कार्यालयों में उपयोग हो रहा है

प्रचार-सामग्री
10-15 टोलियां रोजाना लेकर निकलती प्रचार-सामग्री
5 हजार पम्फलेट, स्टिकर, पोस्टर व अन्य सामग्री से रोज प्रचार
500 झंडे बैनर तैयार कराए जा रहे रोज

पानी
150-200 कैम्पर पानी मंगाया जा रहा रोज
20 रुपए प्रति कैम्पर भुगतान किया जा रहा
500 गिलास मंगाए जा रहे हैं कार्यालयों में है
लिमिट 40 लाख, दिखा रहे कम

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निर्वाचन विभाग की ओर से इस बार प्रत्याशी के खर्च की सीमा बढाई गई है। पहले जहां 28 लाख रुपए लिमिट थी, इसे बढ़ाकर 40 लाख कर दी है। लेकिन प्रत्याशी इससे अधिक खर्च कर रहे हैं। एक प्रत्याशी का चुनावी खर्च 50 से 70 लाख रुपए तक आ रहा है। वहीं, प्रत्याशी की एक टीम खर्च सीमा को कम दिखाने में लगी है।

ये हो सकती कार्रवाई
चुनाव आयोग ने आय-व्यय पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र से विधानसभा वार पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। इसके अलावा कार्यालयों, सभाओं की वीडियोग्राफी बनाई जा रही है। अगर कोई प्रत्याशी गलत दस्तावेज प्रस्तुत करता है तो लोक प्रतिनिधि अधिनियम के सेक्शन 10 ए के तहत प्रत्याशी को तीन वर्ष तक के लिए एमपी, एमएलए सदस्य होने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है।