
Rajasthan By Election Result: राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव के साथ ही आने वाला है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी। इसके बाद ईवीएम के मतों को गिना जाएगा। मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी, वहीं नौ बजे बाद से रूझान आने शुरू हो जाएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने गुरुवार को सभी सीटों पर निर्वाचन अधिकारियों के साथ समीक्षा मीटिंग की है।
दरअसल, राजस्थान में दौसा, झुंझुनूं, चौरासी, रामगढ़, सलूंबर, देवली उनियारा और खींवसर सीट पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था। सबसे ज्यादा मतदान खींवसर सीट पर हुआ था, दौसा में सबसे कम मतदान हुआ था। राजस्थान में चार सीटों पर त्रिकोणीय और तीन पर बीजेपी तथा कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। इन सात सीटों में से चार कांग्रेस के पास थी, वहीं एक-एक सीट बीजेपी, आरएलपी और बीएपी के पास थी।
शनिवार को आने वाले परिणाम में किस पार्टी की जीत होगी और किसे हार का सामना करना पड़ेगा, इसका पता तो कल मतगणना के बाद ही पता चलेगा। लेकिन यह तय है कि जीतने वाले अधिकतर प्रत्याशी पहली बार विधानसभा में पहुंचेंगे।
दौसा विधानसभा सीट पर मंत्री किरोड़ी लाल और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की साख दांव पर लगी हुई है। यहां भाजपा के जगमोहन मीणा जीतें या कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा, पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि इस सीट पर दोनों पार्टियों के बीच कांटे का मुकाबला है।
यहां से भाजपा के राजेन्द्र भाम्बू जीतें या कांग्रेस के अमित ओला, पहली बार विधायक बनकर विधानसभा के सदस्य बनेंगे। यहां से ओला परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। यहां से अमित ओला के पिता बृजेन्द्र ओला व दादा शीशराम ओला मंत्री व विधायक रह चुके। भाम्बू का भी यह तीसरा विधानसभा चुनाव है। वहीं राजेन्द्र गुढ़ा ने भी मजबूती से चुनाव लड़ा है, इसलिए उनपर भी सबकी निगाहे टिकी हुई हैं।
यहां से भाजपा ने शांता देवी को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने रेशमा मीणा को टिकट दिया है, जबकि भारतीय आदिवासी पार्टी ने जितेश पर भरोसा किया है। यहां भी तीनों में से कोई भी जीते, विधानसभा में पहली बार जाएंगे। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है।
यहां से भाजपा के राजेन्द्र गुर्जर, कांग्रेस से केसी मीणा और निर्दलीय नरेश मीणा मैदान के बीच मुकाबला है। यहां भी निर्दलीय के वोट हार-जीत के समीकरण तय करेंगे। यहां भी केवल बीजेपी प्रत्याशी ही एक बार विधायक रह चुके हैं, ऐसे में इनके अलावा कोई जीतता है तो पहली बार ही विधानसभा जाएंगे। चुनाव के दौरान यहां विवाद व लाठीचार्ज, आगजनी व तोडफोड़ की घटना हो चुकी। इसलिए इस हॉट सीट पर सबकी नजरे टिकी हुई हैं।
यहां से भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार के बागी सुखवंत सिंह पर भरोसा जताया है जबकि उनका मुकाबला कांग्रेस के आर्यन जुबेर खान से है। यहां आमने सामने का मुकाबला है। जो भी जीतेगा वह पहली बार विधानसभा में पहुंचेगा। इस सीट पर जुबैर खान के निधन के बाद सहानुभूति की लहर भी है।
आदिवासी बाहुल्य वाले इस क्षेत्र से भाजपा ने कारीलाल ननोमा को, कांग्रेस ने युवा सरपंच महेश रोत को और भारतीय आदिवासी पार्टी ने यहां से अनिल कटारा को प्रत्याशी बनाया है। यहां से सांसद राजकुमार रोत की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा व कांग्रेस के लिए भी यह सीट महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यहां भी जो भी जीतेगा वह पहली बार विधानसभा में पहुंचेगा। अभी तक के अनुमानों के मुताबिक यहां बाप प्रत्याशी मजबूत माने जा रहे हैं।
यहां से भाजपा के रेवतराम डांगा जीतें, आरएलपी की प्रत्याशी कनिका बेनीवाल या कांग्रेस की डॉक्टर रतन चौधरी। तीनों में कोई भी जीते पहली बार विधानसभा में पहुंचेंगे। यह सीट हनुमान बेनीवाल की परम्परागत सीट रही है। आरएलपी के लिए प्रतिष्ठा की सीट भी है। यहां से बेनीवाल की पत्नी मैदान में है।
Updated on:
22 Nov 2024 12:22 pm
Published on:
22 Nov 2024 12:17 pm
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