करीब 36 साल बाद पाकिस्तान से स्वदेश लौटे गजानन्द शर्मा को कुछ ही दिन पहले मतदाता पहचान पत्र मिला। उन्होंने 1980 के बाद पहली बार वोट डाला। गौरतलब है कि वर्ष 1982 में घर से निकले गजानंद शर्मा का मई 2018 तक पता नहीं चल सका था कि वह कहां हैं। इसी वर्ष 7 मई को सामोद थाना पुलिस के जरिए जयपुर में माउंट रोड स्थित फतेहराम का टीबा में रहने वाली उनकी पत्नी मखनीदेवी को पता चला कि गजानन्द जिन्दा हैं और पाकिस्तान की जेल में बन्द हैं। जबकि वह वर्षों से विधवा की जिंदगी जी रही थी। इसके बाद गजानंद की वापसी के प्रयास शुरू हुए और आखिरकार पाकिस्तान से रिहा होकर 14 अगस्त को घर लौटे थे।