
Rajasthan Election 2023 : राज्य में 30 से ज्यादा सीटों पर बागी भाजपा-कांग्रेस का गणित बिगाड़ रहे हैं। इन रूठों को मनाने के लिए दोनों दलों ने अपने 'चाणक्य' मैदान में उतार दिए हैं। लेकिन अभी बागियों से होने वाले नफा-नुकसान को देखा जा रहा है। दोनों दलों के नेताओं ने मंगलवार को प्रत्याशियों से यही फीडबैक लिया कि कौन सा बागी उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है और किस बागी के जातिगत समीकरणों से फायदा है। जो बागी पार्टी के लिए नुकसान दायक साबित हो रहे हैं। उन्हीं को लेकर पार्टी डैमेज कन्ट्रोल की रणनीति पर काम करेगी। हालांकि दोनों ही दलों के पास अभी 9 नवंबर तक का समय है। लेकिन अभी तक बागियों के तीखे तेवर प्रयासों की सफलता में बाधक बने हुए हैं। कई बागियों ने तो सभा और रैलियों के जरिए दमखम दिखाना शुरू कर दिया है।
भाजपा की ओर से डैमेज कंट्रोल का जिम्मा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को जबकि कांग्रेस की ओर बागियों को मनाने का जिम्मा राजस्थान से राज्यसभा सदस्य मुकुल वासनिक को सौंपा हुआ है। दोनों पार्टियों के प्रदेश स्तरीय नेता भी इन प्रयासों में लगे बताए जाते हैं, लेकिन कहीं से किसी सफलता की कोई बड़ी खबर नहीं है। जो बागी पार्टी से इस्तीफा देकर अन्य दल के टिकट पर मैदान में उतर चुके हैं, उनको लेकर तो किसी सफलता की कोई उम्मीद नहीं बची है, लेकिन जो असंतुष्ट अभी पार्टी में बने हुए हैं उनको मनाने की कोशिश की जा रही है। कुछ असंतुष्टों ने आश्वस्त भी किया है कि वे पार्टी प्रत्याशी के लिए काम करेंगे, लेकिन वे पार्टी में रहते हुए भितरघात नहीं करेंगे इसको लेकर दोनों पार्टियों के डैमेज कंट्रोलर पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिखाई दे रहे है।
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भाजपाः 10 बागियों पर विशेष नजर
भाजपा ने बागियों को मनाने के प्लान में बदलाव किया है। कोर कमेटी के नेताओं के साथ प्रदेश के नेता भी जुट गए हैं। चित्तौडगढ़ सीट से निर्दलीय नामांकन भरने वाले विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या को मनाने को लेकर आक्या से बातचीत की गई। उधर, सांचौर से जीवाराम चौधरी, झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत, कोटपुतली से मुकेश गोयल, शिव से रविन्द्र सिंह, शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, खंडेला से बंशीधर बाजिया सहित अन्य बागी हुए नेताओं से भी बात करना बताया जा रहा है। पार्टी ने राजेन्द्र राठौड़ को चित्तौडगढ़ सीट, भूपेन्द्र यादव को तिजारा, वसुंधरा राजे को झोटवाड़़ा की जिम्मेदारी दे रखी है। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी भी जुटे हैं।
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कांग्रेस ने नफा-नुकसान की ली जानकारी
कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ ही आलाकमान ने राजस्थान से राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक, सांसद व गुजरात के पीसीसी अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल, वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदारी सौंपी है। हुड़़्डा अभी जयपुर नहीं आए, लेकिन अन्य तीनों नेता सोमवार को बागी वाली सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों से चर्चा कर बागियों के नफा-नुकसान का फीडबैक लिया। बताया जा रहा है कि अब पार्टी के वोट काटने वाले बागियों की मनुहार मंगलवार से तेज होगी। बागियों में संगरिया सीट पर पूर्व विधायक डॉ. परमनवदीप, शिव में जिलाध्यक्ष फतेहखां, नागौर में पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान, सिवाना में कांग्रेस के जोनल इंचार्ज सुनिल परिहार, लूणकरणसर में पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल, जालोर में पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, जैतारण में पूर्व संसदीय सचिव दिलीप चौधरी, मनोहर थाना में पूर्व विधायक कैलाश मीना और अजमेर दक्षिण सीट पर पीसीसी सदस्य हेमंत भाटी सहित कई नेता शामिल हैं।
कैलाश चौधरी व कमेटी से नहीं बनी बात
डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी ने 10 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में कमेटी बनाई थी। इसमें चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया और सांसद राजेन्द्र गहलोत भी हैं। लेकिन कमेटी ज यादा कुछ नहीं कर पाई। प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी भी टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने में जुटे रहे। मंगलवार को जोशी ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी व अरुण चतुर्वेदी से मंत्रणा की। जोशी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी लम्बी मंत्रणा की। पार्टी ने दोनों पूर्व प्रदेशाध्यक्षों का टिकट काट दिया था।
Published on:
08 Nov 2023 07:22 am
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