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Rajasthan Election: बिना कटारिया मेवाड़ के रण में भाजपा, मोदी भरेंगे हुंकार, 28 सीटों पर रहेगी नजर

राजस्थान में एक कहावत है 'जिसने मेवाड़ को जीत लिया, उसने राजस्थान जीत लिया'। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का विधानसभा चुनाव में मेवाड़ पर फोकस रहता है। भाजपा ने भी मेवाड़ संभाग पर फतेह हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को जनसभा रखी है।

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जयपुर

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Umesh Sharma

Nov 09, 2023

Rajasthan Election: बिना कटारिया मेवाड़ के रण में भाजपा, मोदी भरेंगे हुंकार, 28 सीटों पर रहेगी नजर

Rajasthan Election: बिना कटारिया मेवाड़ के रण में भाजपा, मोदी भरेंगे हुंकार, 28 सीटों पर रहेगी नजर

राजस्थान में एक कहावत है 'जिसने मेवाड़ को जीत लिया, उसने राजस्थान जीत लिया'। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का विधानसभा चुनाव में मेवाड़ पर फोकस रहता है। भाजपा ने भी मेवाड़ संभाग पर फतेह हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को जनसभा रखी है। करीब एक महीने के अंतराल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उदयपुर आ रहे हैं। यहां जनसभा के जरिए मोदी मेवाड़ की 28 सीटों को साधेंगे। प्रधानमंत्री शाम 6 बजे सभा स्थल पर पहुंचेंगे और सभा को संबोधित कर वे सड़क मार्ग से डबोक एयरपोर्ट से दिल्ली जाएंगे। पहली बार है कि बिना गुलाबचंद कटारिया के पार्टी यहां मैदान में उतरी है।

उदयपुर संभाग में बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिले आते हैं। उदयपुर की 8, डूंगरपुर की 4, प्रतापगढ़ की 2, बांसवाड़ा की 5, राजसमंद की 4 और चित्तौड़गढ़ की 5 विधानसभा सीटें हैं। इनमें अनुसूचित जनजाति वर्ग की सर्वाधिक 16 सीटें उदयपुर-बांसवाड़ा संभाग में आती हैं। इस वर्ग पर भी भाजपा ने निगाहें गड़ा रखी हैं। 2018 के चुनाव में 28 में से 15 सीटों पर भाजपा का कब्ज़ा है, जबकि 10 सीटों पर कांग्रेस और 3 अन्य के पास रहे। यही वजह है कि मोदी पहले भी इस संभाग में आ चुके हैं। राजस्थान में आचार संहिता लगने के बाद पीएम का ये पहला दौरा होगा। कटारिया के असम का राज्यपाल बनने के बाद यहां राजनीतिक समीकरण बदले हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस संभाग को कई बड़े सौगातें दे चुके हैं।

बागी भी बन रहे हैं परेशान

मेवाड़ में इस बार भाजपा की राह आसान नजर नहीं आ रही है। कई बागी पार्टी के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। मोदी की इस सभा के जरिए बागियों को भी मनाने की कोशिश की जा रही है। चित्तौड़गढ़ में ही दो बार के विधायक रहे चंद्रभान सिंह आक्या निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उदयपुर-बांसवाड़ा संभाग में भाजपा और कांग्रेस को दो नई पार्टियां चुनौती दे रही हैं। 2018 के चुनाव में 2 सीटें जीतने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में दो फाड़ हो गए हैं। दोनों विधायकों ने मिलकर भारत आदिवासी पार्टी बनाई है। इन दोनों पार्टियों ने कई विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे में भाजपा के वोटो में सेंध को लेकर खतरा मंडरा रहा है।

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भाजपा के पास कन्हैया लाल का मुद्दा

मोदी इस सभा के जरिए कन्हैयालाल हत्याकांड का मुद्दा उठाएंगे। कन्हैयालाल की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार को घेर रही है। पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी उदयपुर आए थे और उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए थे।