शिक्षकों का कहना है कि वेतन में देर के कारण घर खर्च चलाना ही मुश्किल हो रहा है। पहले नए वित्तीय वर्ष के कारण देर हुई। फिर सरकार ने पे-मैनेजर पर बदलाव कर दिया, जिससे वेतन अटक गया। अधिकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अलग-अलग दस्तावेज अपलोड करने व जानकारी भरने के संदेश भेज रहे हैं। ये मैसेज भी 15 अप्रेल के बाद भेजे जा रहे हैं। जानकारी भरने में अभी 5-10 का समय और लगेगा।
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायत राज कर्मचारी संघ के प्रवक्ता नरायाण सिंह ने बताया कि वेतन के सॉफ्टवेयर में कुछ परिवर्तन किया गया है। ई-कुबेर नमक सॉफ्टवेयर पर नई जानकारी भरने के संदेश भेजे जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वेतन भुगतान जल्दी हो। हालांकि प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक ओमप्रकाश कसेरा का दावा है कि जिलों ने बजट की कोई कमी नहीं है।
नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बाद चार महीने के वेतन का बजट दिया जा चुका है। किसी शिक्षक का वेतन नहीं अटका।
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