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जयपुर। पीएम नरेन्द्र मोदी 6 अक्टूबर को राजस्थान गौरव यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने अजमेर आ रहे है। अजमेर में पीएम की सभा में कहीं झुन्झुनु जैसे हालात पैदा नहीं हो, लिहाजा सरकार ने सोमवार रात आनन फानन में तीन मंत्रियों की कमेटी का गठन कर दी जो रोडवेज, पंचायतीराज समेत 82 हजार हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता करेगी।
सूत्रों के अनुसार मंत्रियों की यह कमेटी आज से ही हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता की शुरूआत कर सकती है। राज्य सरकार को मिली इंटेलीजेंस रिपोर्ट के अनुसार हड़ताली कर्मचारियों ने 6 अक्टूबर को अजमेर में होने वाली पीएम नरेन्द्र मोदी की सभा में जाने की तैयारियां कर ली थी। हडताली कर्मचारियों की ऐसी तैयारी को देख सरकार की सांसे फूली और मंत्रियों की कमेटी का गठन कर दिया।
प्रदेश में बीते 15 दिन से हड़ताल पर रहे रोडवेज, पंचायती राज और मंत्रालयिक कर्मचारियों समेत 85 हजार हड़ताली कर्मचारियों और सरकार के बीच जमी गतिरोध की बर्फ आज से पिघलना शुरू होगी। सूत्रों के अनुसार यह कमेटी आज से ही वार्ता के द्वार खोलेगी। हांलाकि तीन मंत्रियों की इस कमेटी के समक्ष कर्मचारियों की मांगों को लेकर खजाने की हालत का भूत कमेटी के समक्ष खड़ा होगा, लेकिन कमेटी किसी तरह से वार्ता के जरिए पीएम की सभा तक किसी भी तरह कर्मचारियों को शांत करने की कोशिश करेगी।
प्रदेशभर में कर्मचारियों की हड़ताल के चलते रोडवेज बसों के पहिए थमे हुए हैं, तो रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में जयपुर के परिवहन की रीढ़ कही जाने वाली लो फ्लोर बसों का संचालन ठप पड़ा है। लो फ्लोर बसों की हड़ताल का आज 17वां दिन है। लो फ्लोर बसें बंद होने से यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन कर्मचारी काम पर लौटने को तैयार नहीं है। जो लोग लो फ्लोर बसों से रोजाना सफर करते थे, उन्हें अब वैकल्पिक साधनों का उपयोग करना पड़ रहा है। लो फ्लोर बंद होने के कारण ऑटो चालकों और मिनी बस संचालकों की मनमानी बढ़ गई है । वहीं, हड़ताल के कारण रोडवेज को रोजाना यात्री भार से मिलने वाले करीब 15 लाख रूपए का नुकसान हो रहा है। अब तक रोडवेज को डेढ़ करोड़ रूपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
Published on:
03 Oct 2018 02:40 pm
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