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शिक्षा मंत्री खुलकर कर रहे NSUI को जिताने की वोट अपील, पूर्व मंत्री बोले- ‘ये आचार संहिता उल्लंघन’

locationजयपुरPublished: Aug 25, 2019 03:17:28 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

ऐसा संभवतया पहली बार ही देखा गया है जब किसी उच्च शिक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह से खुलकर छात्र संगठन के पक्ष में वोट करने की अपील की है। अब इस अपील पर वसुंधरा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे वासुदेव देवनानी ने भी सवाल खड़े किये हैं।
 

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जयपुर।

राजस्थान की गहलोत सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ( Rajasthan Higher Education Minister Bhanwar Singh Bhati ) का छात्रसंघ चुनाव ( Student Union Election 2019 ) में छात्र संघठन NSUI के समर्थन में वोट अपील इन दिनों चर्चा और विवाद का विषय बन गई है। दरअसल, ऐसा संभवतया पहली बार ही देखा गया है जब किसी उच्च शिक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह से खुलकर छात्र संगठन के पक्ष में वोट करने की अपील की है। अब इस अपील पर वसुंधरा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे वासुदेव देवनानी ने भी सवाल खड़े किये हैं।
ये लिखा है शिक्षा मंत्री ने
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सोशल मीडिया पर एनएसयूआई की जीत के लिए वोट अपील की है। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ”राजस्थान छात्रसंघ चुनावों में NSUI के पैनल को अपना अमूल्य मत एवं समर्थन देकर भारी मतों से विजय बनायें।”
https://twitter.com/nsui?ref_src=twsrc%5Etfw
देवनानी बोले, ‘ये आचार संहिता का उल्लंघन’
पूर्व शिक्षा मंत्री वसुनदेव देवनानी ने उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी की ओर से सोशल मीडिया पर की गई इस वोट अपील पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार के एक मंत्री का इस तरह से किसी छात्र संघठन के पक्ष में वोट अपील करना आचार संहिता उल्लंघन श्रेणी में आता है।
https://twitter.com/VasudevDevnani/status/1165493951031169025?ref_src=twsrc%5Etfw
देवनानी ने भी ट्विटर पर अपील का जवाब ट्विटर पर ही दिया। देवनानी ने ट्वीट किया, ”लिंगदोह के अनुसार कोई पार्टी हो नहीं सकती। राज्य के मंत्री स्वयं आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। वे लिंगदोह सिफारिशों के विपरीत वोट अपील कर रहे हैं। चुनाव आचार संहिता अनुसार छात्र संघ चुनाव मे कोई दल नहीं हो सकता। यह स्पष्ट रूप से संवैधानिक उल्लंघन है।”
गौरतलब है कि एनएसयूआई कांग्रेस समर्थित छात्र संघठन है, जबकि इसी तरह से उसका प्रतिद्वंदी एबीवीपी भाजपा समर्थित छात्र संघठन है। लेकिन संभवतया ऐसा पहली बार है जब किसी उच्च शिक्षा मंत्री ने एक छात्र संघठन के पक्ष में खुलकर वोट अपील की हो।
… इधर, कैंपस में प्रचार पर जोर नहीं, सोशल मीडिया से लाइव संवाद
राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनावों की इस बार अलग ही तस्वीर नजर आ रही हैं। विश्वविद्यालय कैंपस में इस बार छात्रसंघ चुनाव के मैदान में उतरे प्रत्याशी कैंपस में कम और बाहरी इलाकों में जाकर वोट मांगने पर ध्यान दे रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया से भी वोट मांग रहे हैं। गत सालों से चला आ रहा कैंपस में खड़े रहकर वोट मांगने का ट्रेंड इस साल दिखाई नहीं दे रहा है। यही कारण है कि दिनभर कैंपस में सन्नाटा रहता है। हालांकि, शाम को संगठन का पैनल विश्वविद्यालय के छात्रावासों में जाकर वोट की अपील जरूर कर रहे हैं।
बाहरी इलाकों पर अधिक जोर
छात्रनेताओं का प्रचार पर फोकस बाहरी इलाकों में हैं। जहां पर अलग अलग क्षेत्रों, गांव-ढाणियों तक पहुंच कर नेता विद्यार्थियों के बीच जाकर समर्थन मांग रहे हैं। वहीं, गाड़ी में सफर के दौरान सोशल मीडिया पर लाइव आकर वोट मांग रहे हैं। ऐसे में अब चुनाव के सिर्फ दो दिन ही शेष हैं तो जगह जगह जाकर प्रत्याशी एक हर वोटर तक पहुंचना चाह रहे हैं।
पोस्टर से बदरंग नहीं हुआ कैंपस
छात्र संघ चुनावों के दौरान हर साल पोस्टर से विवि परिसर बदरंग हो जाता है, लेकिन इस बार अलग स्थिति है। विवि में प्रचार-प्रसार के लिए तय की गई जगहों पर अब तक पोस्टर तक नहीं चिपका है। प्रचार-प्रसार के लिए छात्र नेता व्यक्तिगत संपर्क और विजिटिंग कार्ड का ही सहारा ले रहे हैं।
सोशल कैम्पेन के लिए बनाई टीमें
प्रचार में सोशल मीडिया का उपयोग भी जमकर हो रहा हैं। सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार के लिए हर प्रत्याशी ने अलग से टीम बना रखी हैं। जो एक जगह बैठकर सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार करने में जुटी हैंं। प्रचार के लिए नेताओं ने अलग अलग टीमें बना रखी है जो जगह जगह पहुंच रही हैंं। प्रचार के लिए इस समय सबसे ज्यादा ब्लक मैसेज, वॉयस मैसेज से वोट की अपील की जा रही हैं।
वहीं, प्रवेश के समय जिन विद्यार्थियों के मोबाइल नंबर लिए गए थे उनसे फोन कर वोट की अपील की जा रही हैं। वहीं फेसबुक पर बार बार प्रत्याशी लाइव आकर अपील कर रहे है तो लगातार व्हाटसएप, फेसबुक पर पोस्ट डालकर अपील की जा रही हैं। हालांकि छात्रनेता ट्विटर से दूर है।
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