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राजस्थान बन रहा है रेपिस्थान

अब तक लोगों को नहीं है पोक्सो की पूरी जानकारी

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bal ayog

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वो सिर्फ 3 साल की थी बिलकुल मासूम अबोध। वो वह्शी था दरिंदा था। पत्थर सा कठोर। वो खेल में मगन थी। वो नशे में चूर था। राजस्थान की राजधानी जयपुर में मंगलवार को तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म होने का मामला सामने आया है। आरोप के मुताबिक जिले के कानोता थाना क्षेत्र में घर के बाहर खेल रही बच्ची के साथ सोमवार रात पड़ोस में रहने वाले 20 वर्षीय एक युवक ने दुष्कर्म किया और फिर बच्ची को वहीं छोड़कर मौके से फरार हो गया। इस घटना के बाद फिर से एक बार इंसानियत शर्मसार हो गई। चलिए सबसे पहले आपको ग्राफिक्स के जरीए बताते है बच्चियों के साथ अपराध का बढता ग्राफ

2015 से 2017 का आंकड़ा

6 साल से कम 6 से 12 साल 12 से 16 साल 16 से 18 कुल

6 37 195 539 777

13 45 235 422 715

8 48 315 426 797

कानोता में हुई इस घटना से पूरे प्रदेश को कलंकित कर दिया। वहीं हर माता- पिता के अंदर अपनी बच्चियों की सुरक्षा के प्रति खौफ बढ़ा दिया। बच्ची के परिजनों की मांग है की जल्द से जल्द आरोपी को कडी सजा दी जाए। लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी कागज़ाती उलझनों में उलझा नजर आ रहा है। वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी अस्पताल में बच्ची का हालचाल जान कर खानापूर्ति कर दी। राजस्थान में पॉक्सो अधिनियम के अन्तर्गत सुनवाई के लिए केवल एक ही न्यायलय है। ऐसी स्थिती में संबधित जिल के जिला एंव सत्र न्यायधीश ही पॉक्सो अधिनियम के अन्तर्गत सुनवाईयां की जा रही है। जिनपर पहले से ही अधिक भार रहता है। ऐसे में इस तरह के मामलों में देरी होती है। जरूरी है की इस ओर सरकार जल्द से जल्द ध्यान दे। जिससे इन दरिंदों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।

तीन साल की रेप पीड़िता बच्ची का जेके लोन अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू में इलाज चल रहा है। डॉक्टर्स की मानें तो बच्ची की हालत पहले से बेहतर है। बच्ची नहींं जानती उसके साथ क्या हुआ है। उसे तो सिर्फ घर जाना है और वही जिद्द को अस्पताल में कर रही है। प्रदेश में आऐ दिन मासूम बच्चियों को दुष्कर्म का शिकार बनाया जा रहा है। लेकिन सरकार ने अब तक इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपीयों को सजा दिलाने के लिए कोई उचित प्रावधान नहीं किया है।