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Court News: भाजपा विधायक गोठवाल को राहत, एडीजे कोर्ट का आदेश रद्द कर आरोपों से किया मुक्त

कोर्ट ने कहा कि पुलिस गोठवाल को मामले में शामिल मानते हुए चार्जशीट पेश करती है और बाद में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश कर कहती है कि गोठवाल मामले में शामिल नहीं है।

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BJP MLA Jitendra Kumar Gothwal

हाईकोर्ट ने दौसा में तीन वर्ष पहले महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा की आत्महत्या के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय का आरोप तय करने का आदेश रद्द कर भाजपा विधायक जितेन्द्र कुमार गोठवाल सहित पांच लोगों को राहत दी है। कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि या तो पुलिस की पहली जांच साक्ष्य के अभाव में थी या बाद में की गई जांच साक्ष्य रहित है।

न्यायाधीश गणेशराम मीणा ने जितेन्द्र कुमार गोठवाल, शिवशंकर शर्मा उर्फ बल्या जोशी, बलराम बैरवा, हरकेश मीणा व रामखिलाड़ी की याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस गोठवाल को मामले में शामिल मानते हुए चार्जशीट पेश करती है और बाद में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश कर कहती है कि गोठवाल मामले में शामिल नहीं है। पुलिस ने अन्य साक्ष्य जुटाने का दावा किया है।

ऐसे में ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोप तय करने का 9 सितम्बर 2022 का आदेश रद्द किया जाता है। हाईकोर्ट ने लालसोट की एडीजे कोर्ट को निर्देश दिया कि वह संपूर्ण तथ्यों को ध्यान में रखते हुए फिर से आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम करे अथवा उन्हें बरी करने का आदेश दे।

निर्दोष व्यक्तियों को सलाखों के पीछे नहीं भेजा जाए

हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस की दूसरी जांच को सही माना जाए तो जितेन्द्र गोठवाल के निर्दोष होने के बावजूद उन्हें कस्टडी में रखा गया। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया कि वे सुनिश्चित करें, भविष्य में कोई निर्दोष व्यक्ति सलाखों के पीछे नहीं जाए।

ट्रायल कोर्ट ने नहीं किया फाइनल जांच का इंतजार

कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट पेश होने के समय अतिरिक्त साक्ष्य एकत्रित करने के लिए जांच लंबित रखी गई थी, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने न तो फाइनल जांच का इंतजार किया न ही पुलिस को फाइनल जांच जल्दी पूरी करने के लिए कहा। ट्रायल कोर्ट ने उसके सामने आई चार्जशीट के आधार पर ही चार्ज फ्रेम कर दिए। मामला वर्ष 2022 का है, इसलिए ट्रायल कोर्ट इस मामले में शीघ्र नया आदेश पारित करे और आवश्यक हो तो ट्रायल को आगे बढ़ाए।

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डॉ अर्चना शर्मा ने की थी आत्महत्या

दौसा जिले के लालसोट में 29 मार्च 2022 को डॉ. अर्चना शर्मा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे एक दिन पहले 28 मार्च को डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी। परिजन ने शव रखकर डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर धरना दिया।

धरने में स्थानीय नेता भी शामिल हुए। डॉ. शर्मा ने सुसाइड नोट में आरोपियों की धमकी से परेशान होने और जेल जाने की चिंता का जिक्र किया था। इस मामले में पुलिस ने विधायक जितेन्द्र गोठवाल व अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी।

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