31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में एक साल में 7 हजार से ज्यादा बच्चे लापता, लड़कियों को लेकर आए चौंकाने वाले आंकड़े; 501 अब भी गायब

Rajasthan Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में जहां सियासी घमासान मचा रहा, वहीं एक ऐसा सवाल भी उठा, जो सुर्खियों में नहीं आ सका लेकिन गंभीर चिंता का विषय है।

2 min read
Google source verification

Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में जहां सियासी घमासान मचा रहा, वहीं एक ऐसा सवाल भी उठा, जो सुर्खियों में नहीं आ सका लेकिन गंभीर चिंता का विषय है। प्रदेश में बीते एक साल में 7,339 बच्चे लापता हुए, जिनमें से 84 फीसदी यानी 6,196 लड़कियां हैं। इन बच्चों में से 6,838 को खोज लिया गया, लेकिन 501 बच्चे अब भी लापता हैं, जिनमें 451 लड़कियां हैं।

यह खुलासा बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा के एक सवाल के जवाब में गृह विभाग ने दिया। उन्होंने प्रदेश में बच्चों के लापता होने से जुड़े आंकड़े और जिलेवार विवरण मांगा था, जिसके जवाब में यह चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।

सीमावर्ती जिलों में सबसे ज्यादा मामले

बच्चों की गुमशुदगी के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में दर्ज हुए हैं। गुजरात, मध्यप्रदेश और पंजाब की सीमा से सटे जिले इस संकट के हॉटस्पॉट बन गए हैं।

भीलवाड़ा – 414 लड़कियां, 58 लड़के
उदयपुर – 404 लड़कियां, 45 लड़के
श्रीगंगानगर – 251 लड़कियां, 26 लड़के
बांसवाड़ा – 209 लड़कियां, 4 लड़के
चित्तौड़गढ़ – 243 लड़कियां, 14 लड़के
झालावाड़ – 166 लड़कियां, 19 लड़के

इसके अलावा, जिन जिलों की हाइवे से मजबूत कनेक्टिविटी है, वहां भी बच्चों के लापता होने के मामले अधिक दर्ज हुए हैं।

अलवर-भिवाड़ी – 228 लड़कियां, 50 लड़के
अजमेर – 259 लड़कियां, 58 लड़के
ब्यावर – 172 लड़कियां, 20 लड़के
जयपुर और कोटपुतली – 1,000+ मामले

बाल तस्करी के 17 मामले भी दर्ज

सरकार ने बताया कि बीते एक साल में बाल तस्करी के 17 मामले दर्ज किए गए। राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में पहले भी बाल तस्करी और लड़कियों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामलों का खुलासा हो चुका है। स्टिंग ऑपरेशन और पुलिस जांचों में यह बात सामने आई है कि आदिवासी इलाकों में लड़कियों को लालच देकर या जबरन तस्करी का शिकार बनाया जाता है।

यह भी पढ़ें : मदन राठौड़ होंगे राजस्थान BJP के नए प्रदेशाध्यक्ष, औपचारिक ऐलान बाकी, वसुन्धरा राजे और CM भजनलाल बने प्रस्तावक

सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग

राजस्थान में बच्चों के लापता होने के बढ़ते मामलों को लेकर सामाजिक संगठनों और बाल संरक्षण कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है। विशेष रूप से लड़कियों की संख्या अधिक होना गंभीर मुद्दा है, जो बाल तस्करी, जबरन विवाह और शोषण की ओर संकेत करता है। बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने सरकार से इस समस्या पर सख्त कार्रवाई और लापता बच्चों की जल्द तलाश करने के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की है।

यहां देखें पूरी जानकारी-