
विकास जैन
राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में सास ससुर को माता-पिता बताकर कार्ड में नाम जुड़वाने वाली महिला सरकारी कर्मचारियों के कार्ड ब्लॉक कर उनसे पूर्व में करवाए गए इलाज की ब्याज सहित तीन गुना वसूली शुरू कर दी गई है। इनको कहा जा रहा है कि नियमों को दरकिनार कर इन्होंने सास ससुर को माता-पिता बताकर कार्ड में नाम जुड़वाए और योजना का अनुचित लाभ उठाया है। इस तरह के प्रदेश भर में करीब 2 हजार मामले बताए जा रहे हैं।
जबकि कर्मचारियों का कहना है कि आरजीएचएस से पूर्व राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों को मिल रही इस सुविधा और सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की तर्ज पर उन्होंने आवश्यक पड़ताल के बाद ही नाम जुड़वाए थे।
चिकित्सा विभाग में कार्यरत कर्मचारी ने कार्ड में सास ससुर के नाम के आधार पर उनका इलाज करवाया। कुछ महीनों बाद विभाग ने सास ससुर को आश्रित की श्रेणी में मानने से इनकार करते हुए इलाज के पैसे की वसूली का नोटिस जारी कर दिया और वेतन से कटौती भी शुरू कर दी। जबकी विभाग की ओर से सूचना मांगें जाने पर उनको सही जानकारी दी थी। जिसके बाद विभाग ने कार्ड बनाकर आश्रित श्रेणी में माना था। कार्ड बनवाते समय हमारे से इसका शपथ पत्र भी लिया गया। कर्मचारियों के सवाल
आरजीएचएस में सिविल सर्विसेज मेडिकल अटेंडेंस रूल्स लागू हैं। उसमें कर्मचारी के माता और पिता ही शामिल हैं। इस नियम की अवहेलना कर सास ससुर को माता-पिता के कॉलम में जोड़कर अनुचित लाभ उठाने वालों से रिकवरी की जा रही है। कार्ड ब्लॉक जैसी कोई बात नहीं है। नियमानुसार पैसे जमा करवा दें तो कार्ड शुरू ही है। कई कर्मचारियों ने तो पैसे जमा भी करवा दिए हैं। शपथ पत्र तो वो है, जिसमें सभी जानकारी सही होने के लिए पूछा जाता है।
शिप्रा विक्रम, परियोजना अधिकारी, आरजीएचएस
Published on:
05 May 2024 07:55 am
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