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जयपुर

RSS के एजेंडे में आंदोलन शुरू करना नहीं, हम व्यक्ति का ह्रदय परिवर्तन करने वाले लोग: भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा है कि कोई भी आंदोलन शुरू करना हमारे एजेंडे में नहीं रहता । हम तो शांतिपूर्वक संस्कार करते हुए हर व्यक्ति का हृदय परिवर्तन करने वाले लोग हैं।

जयपुरOct 10, 2020 / 10:02 am

Santosh Trivedi

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संघ प्रमुख

जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने काशी विश्वनाथ और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के भविष्य पर साफ किया कि इसका हमें पता नहीं, क्योंकि हम आंदोलन करने वाले नहीं हैं। कोई भी आंदोलन शुरू करना यह हमारे एजेंडे में नहीं रहता है। हम तो शांतिपूर्वक संस्कार करते हुए हर व्यक्ति का हृदय परिवर्तन करने वाले लोग हैं। राम जन्मभूमि का आंदोलन भी हमने शुरू नहीं किया, बल्कि वह समाज द्वारा बहुत पहले से चल रहा था। कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में हम इस आंदोलन से जुड़े। राजस्थान प्रवास के बाद भागवत ने साक्षात्कार में यह बात कही।

प्रश्न- राम जन्मभूमि आंदोलन समाप्त होने के बाद क्या भगवान श्रीराम का विषय भी समाप्त हो गया?

जवाब- राम मंदिर आंदोलन समाप्त हुआ, लेकिन भगवान श्रीराम का विषय कभी समाप्त नहीं होगा। प्रभु राम भारत के बहुसंख्यक समाज के लिए भगवान हैं और जिनके लिए भगवान नहीं भी हैं, उनके लिए आचरण के मापदंड तो हैं ही।

प्रश्न- देश में मुस्लिम और ईसाई मत को मानने वाले भी हैं, उनको एक विचारधारा में लाने के लिए क्या प्रयास करना चाहिए?
उत्तर- वास्तव में हमारा ही एकमात्र देश है जहां पर सब लोग एक साथ रहते आए हैं। सबसे अधिक सुखी मुसलमान भारत देश के ही हैं। दुनिया में ऐसा कोई देश है जहां पर उस देश के वासियों की सत्ता में दूसरा संप्रदाय रहा हो। पाकिस्तान ने तो अन्य मतावलंबियों को वे अधिकार नहीं दिए। जो लोग यह कहते हैं कि जो मुसलमान हैं वे हिंदुस्तान के नहीं हैं, वे गलत हैं।

प्रश्न- शिक्षा में धर्म का स्थान क्या होना चाहिए?

जवाब- मैं कहूं कि शिक्षा में धर्म होना चाहिए तो लोग खूब चिल्लाएंगे। लेकिन यह कहता हूं कि अधर्म नहीं होना चाहिए तो कोई भी नहीं चिल्लाएगा। धर्म यानी संप्रदाय-पूजा नहीं बल्कि नागरिक अनुशासन, नागरिक कर्तव्य है।

प्रश्न- कोरोना काल के बाद हम आगे कैसे बढ़ेंगे?
उत्तर- बिना किसी के बताए पूरा समाज एक साथ खड़ा हो गया। विश्वास का नाता भी दिखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘दीप जलाओ या थाली बजाओ’। कुछ लोगों ने कहा, इससे क्या होगा, लेकिन ज्यादातर लोगों ने समझा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं तो जरूर इससे कुछ होगा, इसलिए करना चाहिए।

प्रश्न- चीन की चुनौती को किस तरह देखते हैं?

जवाब- चुनौतियां हमारे देश को नहीं झुका सकती। आठ साल का बच्चा भी, जो खिलौना उसने हठ करके लिया है, जब वह यह देखता है कि यह चीन निर्मित है तो उसको फेंक देता है। आज ऐसा वातावरण है, इसलिए यह भावना जागी है।

प्रश्न- आज की स्थिति में विश्वगुरु भारत कैसा होगा। अनेक देशों की तरह अर्थ सत्ता के बल पर दूसरों को झुकाने वाला या विश्व गुरु भारत?
जवाब- हम सत्ता पर तो विश्वास ही नहीं करते। हम किसी को हड़पना नहीं चाहते और न ही किसी का वैशिष्ट्य नष्ट करना चाहते। इस अर्थ में हम महाशक्ति बनना नहीं चाहते। हम दुनिया का ज्ञान बढ़ाने के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करेंगे।

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