कार्यक्रम में बातचीत के दौरान स्टेट हाईव पर टोल लगाए जाने के सवाल को पायलट दो बार टाल गए। कार्यक्रम में पहुंचे विधायक बाबूलाल नागर ( Babulal Nagar ) ने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से देखें तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पंचायत चुनाव के बाद लागू होता तो फायदेमंद होता, लेकिन जो लोक कल्याणकारी सरकार होती है, वह राजनीतिक कम और जनता की ज्यादा सोचती हैं। आज गांवों में नई सड़कें और उनकी मरम्मत की जरूरत है। वहीं सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री भी हैं। वो जनभावना का भी ध्यान रखेंगे।
गौरतलब है कि भाजपा सरकार (
BJP Government ) के अंतिम बजट में स्टेट हाइवे पर निजी वाहनों को टोल टैक्स में दी गई छूट को 18 महीने बाद कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट सर्कुलेशन से समाप्त कर दिया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे सालाना करीब 300 करोड़ राजस्व आएगा। टोल वसूली नवंबर से ही शुरू हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (
Vasundhara Raje ) ने अपने अंतिम बजट के बाद वित्त विधेयक पेश करते समय टोल में छूट दी थी।
जन विरोधी फैसलाप्रदेश की जनता तो दीपावली के तोहफे का इंतजार कर रही थी। लेकिन सरकार ने तो टोल माफिया के आगे झुकते हुए महज 300 करोड़ के राजस्व के लिए जनता के हित को नजर अंदाज कर दिया। यह सरकार का जन विरोधी फैसला है और पार्टी इसका विरोध करती है।
डॉ सतीश पूनिया (
Satish Poonia )
, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा लोगों को आहत करने का काम
प्रदेशवासियों की मांग पर मैंने स्टेट हाइवे पर घरेलू वाहनो को टोल फ्री कर दिया था। कांग्रेस सरकार का टोल वसूली का नया फरमान दुर्भाग्यपूर्ण है। यही अंतर है कांगे्रस और हमारी सरकार में। हम जनता को राहत देने का काम करते थे, ये लोगों को आहत करने का काम करते हैं।
वसुन्धरा राजे, पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा