गहलोत सरकार के गठन तक चली थी विधानसभा— आजादी के बाद राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही सवाई मानसिंह टाउन हॉल में होती थी। सीएम अशोक गहलोत के नेतत्व में 1998 के अंत में बनी सरकार के समय भी विधानसभा की कार्यवाही हुई थी। इसी कार्यकाल में ज्योति नगर में नया विधानसभा भवन बन गया था और तब से लेकर आज तक विधानसभा नए भवन में ही चल रही है।
राजनीति का केन्द्र, कागजों में बनी थी योजना कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2011-12 के बजट में टाउन हॉल को विश्वस्तर का म्यूजियम बनाने की घोषणा कर दी। कार्यकाल के आखिरी समय 2013 में काम का उद्घाटन किया। इसके लिए 45 करोड़ रुपए की योजना तैयार की और काम युद्ध स्तर पर शुरू किया। कुछ दिनों में ही विदेशी कम्पनी ने यहां करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। साल 2013 के अंत में भाजपा सरकार के आते ही काम धीमा हुआ और फिर बंद हो गया। इस बीच पूर्व राजपरिवार ने भी मालिकाना विवाद का हवाला देते हुए सरकार को पत्र लिख दिया था।अब इसे वापस हेरिटेज क्लासिकल स्तर का म्यूजियम बनाने का काम शुरू होने वाला है। मुख्य सचिव निरंजन आर्य के स्तर पर इसके निर्देश दिए गए है।
यह है इतिहास
सवाई मानसिंह टाउन हॉल का निर्माण महाराजा सवाई रामसिंह द्वितीय ने महारानी चंद्रावतजी के लिए कराया था। भवन निर्माण शुरू होने के कुछ दिन बाद ही महारानी की मृत्यु होने से महाराजा ने इसे महल के बजाय रियासतकालीन कौंसिल का सभागार बनवा दिया। 1952 में राजस्थान विधानसभा के प्रथम चुनाव हुए, तब सवाई मानसिंह टाउन हॉल में विधानसभा को स्थापित किया गया। 1952 से 2000 तक भवन के रूप में यह प्रदेश की विधानसभा यहीं से चली।