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Astrology : 19 साल बाद कल से श्रावण अधिकमास शुरू, भाेलेनाथ के साथ ऐसे करें भगवान विष्णु की आराधना

Shravan Adhikamas Starts From Tomorrow : इस बार 19 साल बाद दो श्रावण आए है। इस बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा।

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Shravan Adhikamas Starts From Tomorrow

Shravan Adhikamas Starts From Tomorrow : इस बार 19 साल बाद दो श्रावण आए है। इस बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा। अधिकमास में जहां भक्तों को शिव आराधना के लिए अधिक समय दिया है, वहीं लोग भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु की भी आराधना करेंगे। ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि जिस महीने में संक्रांति नहीं हो, वह अधिकमास होता है। हर साल सौर मास व चांद्र मास 11 दिन के होते हैं, ऐसे में तीन साल में एक अधिकमास आता है। जिस चांद्र मास में सूर्य की संक्रांति नहीं होती है, वह अधिकमास होता है। वहीं जिस चांद्र मास में सूर्य की दो संक्रांति हो जाए वह क्षय मास होता है।

अधिकमास में नहीं आते त्योहार
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि अधिकमास में कृष्ण पक्ष के शुरूआत के 15 दिन और शुक्ल पक्ष के आखिरी 15 दिन शुभ होते है। इस बीच अधिकमास आता है। श्रावण महीने से सभी त्योहार शुरू के 15 दिन और आखिरी के 15 दिन में ही आ रहे है। अधिकमास में त्योहार ग्राह्य नहीं होते है। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहते है। इस पुरुषोत्तम मास में मनोकामना के लिए नया अनुष्ठान करने के साथ जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, नया मकान बनाना, गहने लेना, महादान करना आदि वर्जित रहते हैं।

अगला श्रावण अधिकमास 2042 में आएगा
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि इस बार दो माह के श्रावण का संयोग 19 साल बाद आया है। इससे पहले दो श्रावण 2004 में आए थे। अब अगला श्रावण अधिकमास 2042 में आएगा, जो 18 जुलाई 2042 से 15 अगस्त 2042 तक रहेगा।

अधिकमास के प्रमुख दिन
18 जुलाई - श्रावण अधिक (पुरुषोत्तम) मास प्रारम्भ, मंगला गौरी पूजन
24 जुलाई - श्रावण वन सोमवार
25 जुलाई - मंगला गौरी पूजन
29 जुलाई कमला एकादशी
30 जुलाई - प्रदोष व्रत
31 जुलाई - श्रावण वन सोमवार
01 अगस्त - मंगला गौरी पूजन
7 अगस्त - श्रावण वन सोमवार
8 अगस्त - मंगलागौरी पूजन
11 अगस्त - कमला एकादशी
13 अगस्त - प्रदोष व्रत
14 अगस्त - श्रावण वन सोमवार
15 अगस्त - मंगला गौरी पूजन
16 अगस्त - श्रावण अधिकमास (पुरुषोत्तम मास) समाप्त

सावन शिवरात्रि और रक्षाबंधन के बीच 46 दिन का आया अंतर
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सावन महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है, इस बार श्रावण अधिकमास आने से यह भगवान विष्णु का भी प्रिय महीना बन गया है। सामान्य तौर पर सावन शिवरात्रि के 15 दिन बाद ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन मलमास लग जाने से इस बार सावन शिवरात्रि और रक्षाबंधन के बीच 46 दिनों का अंतर आ गया है। मलमास लगने से पहले ही सावन की शिवरात्रि 15 जुलाई को समाप्त हो गई। अब रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त को आएगा।


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