
SI Paper Leak Case: सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में गुरुवार को फिर से सुनवाई हुई। इस बार भी तीनों पक्षों की बहसबाजी में यह मामला 'अनसुलझी पहेली' की तरह हो गया है। क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट ने इस भर्ती परीक्षा को लेकर सरकार और याचिकाकर्ताओं से नाराजगी जताई है। वहीं, हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 10 फरवरी तय की है।
इस दौरान कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए किसी भी प्रकार के नए आदेशों पर रोक लगा दी है। जस्टिस समीर जैन ने इस मामले में किसी भी नए आदेश को लेकर रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि यह मामला अभी जांच और सुनवाई के दायरे में है, इसलिए कोई भी आगे की कार्रवाई नहीं हो सकती। अब सभी की नजरें भजनलाल सरकार की ओर से दिए जाने वाले जवाब और हाईकोर्ट के फैसले पर हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन की कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के वकील से पूछा गया कि क्या सरकार को अपनी एजेंसी पर ही भरोसा नहीं है? क्योंकि एसआईटी, मंत्रियों की सब कमिटी ने भर्ती रद्द करने की अनुशंसा की है। वहीं, अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान साह ने याचिकार्ताओं पर दस्तावेज कहां से जुटा रहे हैं का सवाल किया तो कोर्ट ने इस पर याचिकाकर्ता के वकील से जवाब पेश करने को कहा है।
बताते चलें की गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से यह आपत्ति भी दर्ज कराई गई कि याचिकाकर्ता जिस तरह से दस्तावेजों को सार्वजनिक कर रहे हैं, उससे जांच प्रभावित हो सकती है।
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि SI भर्ती भाजपा के आंतरिक द्वंद की "अनसुलझी पहेली"…मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट का एक पक्ष भर्ती रद्द करने को तैयार नहीं, जबकि एक कैबिनेट मंत्री और सरकारी मशीनरी समेत दूसरा पक्ष भर्ती निरस्त कराने पर अड़ा है। लगता है दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष से 'बयाना' ले रखा है, कहीं इनके बयानों के पीछे 'बयाना' न लौटाने की लड़ाई तो नहीं?
मुख्यमंत्री जी ने कैबिनेट की राय, सब कमेटी के सुझाव, एजी, SOG और पुलिस की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए भर्ती रद्द नहीं करने का निर्णय किया है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रेनी SI की पोस्टिंग-ट्रेनिंग पर रोक और अवमानना पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।
इस दौरान डोटासरा ने पूछा कि अब मुख्यमंत्री जी ने यह निर्णय क्यों किया है? इसके पीछे सत्ता का 'वर्चस्व' है या 'बंदरबांट', यह भी एक पहेली है। वैसे SI भर्ती के निर्णय में RSS की रुचि और सत्ता से गलियारों में 'सेटलमेंट' की चर्चा जोरों पर है।
सरकार के निर्णय से नाखुश कैबिनेट मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार को घेरना और महाधिवक्ता द्वारा इस मामले की पैरवी से हटना बताता है कि भाजपा सरकार अंतर्कलह से बुरी तरह जूझ रही है। सरकार का हर मुद्दे पर तमाशा बन रहा है। निर्णयों को लेकर सरकार के भीतर भ्रमित और अनिश्चितता की स्थिति से प्रदेश का युवा व जनता पिस रही है। इसीलिए जनता भाजपा की पर्ची सरकार को सरकार नहीं 'सर्कस' कहती है।
बताते चलें कि एसआई भर्ती 2021 में पेपर लीक केस में एसओजी अब तक 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से 25 को जमानत मिल चुकी है। वहीं, पुलिस विभाग ने 20 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड कर दिया है। हाल ही में जयपुर और उदयपुर रेंज में 11, बीकानेर रेंज में 8, और अजमेर रेंज में 1 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया गया है।
Published on:
09 Jan 2025 06:56 pm
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